बुधवार, 9 दिसंबर 2020

शराब विक्रेताओं के सेल केन्द्रों पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बिक्री रसीद काटा जाना सुनिश्चित...

 संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि 15 जनवरी 2021 तक सभी जिलों के शराब विक्रेताओं के सेल केन्द्रों पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बिक्री रसीद काटा जाना सुनिश्चित किया जाए। इससे गैरकानूनी तरीके से शराब की बिक्री को रोका जा सकेगा और निगरानी सही ढंग से की जा सकेगी।

दुष्यंत चौटाला आज यहां सभी जिलों के आबकारी एवं कराधान उपायुक्तों के साथ लाईसेंस शुल्क के संबंध में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी एवं आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य में कहीं पर भी बिना अनुमति के गैरकानूनी तरीके से शराब की बिक्री को रोकने के लिए आबकारी अधिकारी समय समय पर छापेमारी करें। रिकवरी में देरी होने वाले मामलों में पेनल्टी लगाने का निर्देश देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामले जहां रिकवरी बकाया है और उनकी प्रोपर्टी अटैच है, उस प्रोपर्टी से बकाया की रिकवरी करने की कार्रवाई करें।

उन्होंने आबकारी अधिकारियों को आगामी दो तिमाही के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए और मेहनत करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि होटल, रेस्टॉरेंट और बैंक्वेट हॉल आदि स्थानों पर बिना लाइसेंस फीस जमा करवाए शराब ना परोसी जाना सुनिश्चित करें, ताकि प्रदेश को राजस्व का नुकसान न हो। उन्होंने एक दिन के लिए दिए जाने वाले लाइसेंस की भी जांच करने और लाइसेंस लिए बिना शराब परोसने वालों पर कार्रवाई करने को कहा।

उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध तरीके से शराब की बिक्री रोकने से राजस्व में अच्छी खासी वृद्धि हुई है। कोविड-19 महामारी के बावजूद गैरकानूनी तरीके से शराब की बिक्री को रोकने और आबकारी राजस्व में बढ़ोतरी के लिए अधिकारियों की सराहना की।

चौटाला ने कहा कि मौजूदा आबकारी वर्ष की पहली छ:माही में आबकारी विभाग ने बीते वर्ष के मुकाबले लगभग 660 करोड़ रुपये अधिक राजस्व इक_ा किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 की आबकारी विभाग की पॉलिसी में रखे गए 7500 करोड़ रुपये राजस्व जुटाने के टारगेट को तो पूरा करेगा ही, बल्कि इस बार लगभग 20 प्रतिशत अधिक राजस्व जुटाया जा सकता है। मौजूदा वर्ष में पहले छह महीने में ही लगभग 4165 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व आ चुका है।