संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड
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मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में प्रेसवार्ता में कहा कि राज्य सरकार ने कनेक्टीवीटी पर काफी काम करते हुए पीएमजीएसवाई पर विशेष फोकस किया है। वर्तमान में भारत सरकार से 127 सेतुओं के निर्माण और उन पर 330 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है।
पीएमजीएसवाई-1 के अंतर्गत पूर्व में निर्मित 121 कच्चे मार्गों के डामरीकरण के लिए 530 करोड़ की भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इस तरह से स्टेज-2 के तहत 860 करोड़ की लागत के कुल 248 कार्यों के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त होने से उक्त मार्गों पर पूर्व में किया गया खर्च भी सार्थक होगा और ये सड़कें पक्की बन जाएंगी। मुख्यमंत्री ने इन स्वीकृतियों के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री का आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में द्वारा विभिन्न विभागों की कुल लागत 85 करोड़ 94 लाख की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा सत्ताइस करोड़ चार लाख लागत की 20 योजनाओं का लोकार्पण किया गया जिसमें लोनिवि की 01, पेयजल निगम की 05, ग्रामीण निर्माण निगम की 03, उत्तराखंड पेयजल निर्माण निगम की 06, विकास खंड ऊखीमठ की 01 व उत्तर प्रदेश निर्माण निगम की 04 योजनाएं शामिल है। साथ ही 52 करोड़ 30 लाख लागत की योजनाओं का शिलान्यास किया गया जिसमें लोनिवि की 02, ग्रामीण निर्माण विभाग की 03, जलागम की 01, उत्तराखंड पेयजल निर्माण निगम की 01, आजीविका की 01 व उत्तर प्रदेश निर्माण निगम की 03 योजनाएं शामिल है।
मुख्यमंत्री ने तिलवाड़ा स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) परिसर में हिलांस के आउटलेट का लोकार्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि काश्तकारों के स्थानीय उत्पादों को वैल्यू एडेड करके हिलांस उन्हें अच्छा बाजार उपलब्ध करवा रहा है। राज्य सरकार ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए विकासखंडों में 'ग्रोथ सेंटर्स' की स्थापना की है। उत्तराखंड में किसानों को बाजार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी एकीकृत आजीविका परियोजना (आईएलएसपी) ने अपनी 'हिलांस' नाम का ब्रांड बनाया है। 'हिलांस' को एक किसान हितैषी पहल के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है।