संवाददाता : नई दिल्ली
क्या आपका बच्चा फेसबुक, व्हॉट्सएप, इंस्टाग्राम या स्नैपचेट का इस्तेमाल किए बिना नहीं रह पाता? अगर हां तो ज्यादा परेशान मत होइए। ब्रिटेन में 74 हजार किशोरों पर हुए एक अध्ययन में सोशल मीडिया को मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिहाज से उतना भी घातक नहीं पाया गया है।
रॉयल कॉलेज ऑफ साइकैट्रिस्ट के शोधकर्ताओं के मुताबिक फेसबुक, व्हॉट्सएप, इंस्टाग्राम या स्नैपचैट जैसी साइटें अकेलेपन और डिप्रेशन का भाव नहीं पैदा करतीं।
हां, बच्चा अपनी छवि, रंग-रूप और रहन-सहन को लेकर थोड़ा सजग जरूर हो सकता है, लेकिन अगर मां-बाप नियमित रूप से बात करें तो उसमें हीन भावना पैदा होने की गुंजाइश घट जाती है।कई किशोरों में तो सोशल मीडिया तनाव, बेचैनी और आक्रामकता की शिकायत को घटाने में कारगर भी मिला है। उन्हें दोस्तों के संपर्क में रहने का मौका मिलना इसकी मुख्य वजह है।