संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड
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मेलाधिकारी दीपक रावत और आई कुंभ मेला संजय गुंज्याल ने भल्ला कालेज स्टेडियम में बने कुंभ मेला पुलिस लाइन में विभिन्न अखाड़े के संत महात्माओं के साथ आगामी शाही स्नान को लेकर विचार विमर्श किया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरिगिरि महाराज, महंत सत्यगिरि , पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी महाराज, पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण कनखल के महंत रवींद्र पुरी महाराज, अखिल भारतीय पंच निर्वाणी अणि अखाड़े के महंत धर्मदास, अग्नि अखाड़े के अध्यक्ष सम्पूर्णानंद ब्रह्चारी, महंत रामदास सहित अन्य अखाड़े के पूज्य संतों का माल्यार्पण कर शाल और अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत व अभिनंदन किया गया। इसके बाद आई कुंभ संजय गुंज्याल ने अखाड़े के संतों को आगामी शाही स्नान के रूट, समय और व्यवस्थाओं की विस्तार से जानकारी दी।
मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि आपसी सौहार्द और समन्वय से शाही स्नान और महाकुंभ का दिव्य और भव्य आयोजन हो सकेगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे जनप्रतिनिधियों से समन्वय बनाएं और नियमित रूप से अपने जनपद के विधायकगणो के साथ बैठक कर यथासंभव जनसमस्याओं का समाधान करेंगे, और इसकी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने कैम्प कार्यालय में न बैठकर अपने मूल कार्यालय में बैठें। और प्रत्येक दिन दो घंटे जनता से मिलें। ताकि आगंतुक आम जनता को अपनी समस्या प्रशासन तक पहुंचाने में किसी तरह का कष्ट न हो।
आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि अमृत महोत्सव का संदेश आमजन तक पहुंचे, इसके लिए ग्राम स्तर तक भी कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति को चिर स्थायी बनाने के लिए उनके योगदान के विवरण सहित चित्र उनके पैतृक गांवों के पंचायत भवनों में लगाए जाएं। प्रदेश में जहां भी महान विभूतियों की मूर्तियां लगी हैं, उनका उचित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। साथ ही मुख्यमंत्री ने कार्यक्रमों के आयोजन में कोविड के नियमों का भी अनुपालन कराने निर्देश दिए।
मेलाधिकारी दीपक रावत एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुम्भमेला जनमेजय खण्डूरी ने शनिवार को दक्ष पार्किंग, बैरागी, गौरीशंकर, चण्डीघाट सेक्टर का औचक स्थलीय निरीक्षण किया। मेलाधिकारी ने सबसे पहले दक्ष पार्किंग का जायजा लिया तथा लक्सर व दिल्ली से आने वाली गाड़ियों की पार्किंग के सम्बन्ध में जानकारी ली।
फिर बैरागी कैम्प का निरीक्षण करते हुये गौरीशंकर दीप पहुंचे। सेक्टर मजिस्ट्रेट गौरीशंकर ने मेलाधिकारी को लाइट व्यवस्था के बारे में बताया।उन्होंने चण्डीपुल के नीचे अस्थाई पुलों एवं घाटों का भी निरीक्षण किया तथा भीड़ बढ़ने पर अस्थाई घाटों पर श्रद्धालुओं को स्नान कराने तथा गंगा में पानी के लेबल के सम्बन्ध में चर्चा की।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को साहसिक पर्यटन की गतिविधियों का विस्तार करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। यहां ऐसा टूरिज्म प्लान तैयार किया जायेगा कि राज्य में बारह महीने पर्यटक आएं।
इस प्लान को बनाने में स्टेक होल्डर्स से भीे सुझाव लिए जायेंगे। ताकि ऐसी एसओपी बने कि पर्यटन गतिविधियां भी हों और कोविड के नियमों का भी पालन ठीक से हो
सके।