बुधवार, 8 मई 2019

कैसे बदल रहा है छात्रों का भविष्य गढ़वाल विश्वविद्यालय...

संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड 



               गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में आउटसोर्स कर्मचारियों की वापसी के साथ-साथ अन्य कुछ मांगों के चलते संयुक्त छात्र परिषद ने अपनी हड़ताल की हद इतनी बढ़ा दी है कि अब छात्रों का विश्वविद्यालय में परीक्षा देना मुश्किल हो गया है।


कोई बच्चा अगर परीक्षा देने की कोशिश करता है तो उन्हें विश्वविद्यालय से भगा दिया जाता है या फिर उनकी उत्तर पुस्तिका को फाड़ दिया जाता है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मांगों के लिये होने वाली हड़ताल का बच्चों की परीक्षा से क्या संबंध है। ऐसा करना सीधा-सीधा विश्वविद्यालय में हो रही छात्रनेताओं की गुंडागर्दी को दर्शाता है।


आपको बता दें कि गढ़वाल विश्वविद्यालय में बहुत दूर-दराज से आने वाले छात्र पढ़ रहे हैं, और परीक्षा ना होनेे की वजह से उन्हें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब यहां पर सबसे बड़ा सवाल ये आता है कि क्या बच्चों के बरबाद होने वाले इस समय को छात्रनेता वापस लौटा पायेंगे !


छात्रनेता केवल छात्रों की भलाई के लिये नियुक्त किये जाते हैं और यहां तो उल्टा ही हो रहा है, छात्रनेताओं की वजह से बच्चे अपना विश्वविद्यालय में आने का उद्देश्य ही पूरा नहीं कर पा रहे हैं।


अब बात करते हैं गढ़वाल विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल की ! यहां विश्विद्यालय के बच्चों का भविष्य खतरे में दिख रहा है और ऐसे समय में कुलपति जी को मीटिंग याद आ गई है। विश्वविद्यालय में जब भी ऐसा कुछ होता है तो समय पर कुलपति और विश्वविद्यालय के कुछ अन्य उच्च अधिकारी मौजूद नहीं रहते, जबकि उन्हें पता है कि उनके बिना यह मसला नहीं सुलझाया जा सकता है।