मंगलवार, 7 मई 2019

क्या मरीज के इलाज ना होने की वजह बन सकता है,आयुष्मान कार्ड...

आशुतोष ममगाई  : देहरादून उत्तराखंड 



                    स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया उस बेचारे गरीब को केवल इसलिए मरने दिया क्यूँकि उसके पास आयुष्मान कार्ड था और इस से भी बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि जहां मरीज का इलाज नहीं हो पाया उस अस्पताल के ट्रस्टी राहुल गांधी हैं।


लोकसभा चुनाव में अमेठी से स्मृति ईरानी और राहुल गांधी में सीधी टक्कर है और इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया है। वीडियो ट्वीट कर उन्होंने अमेठी के एक अस्पताल पर मरीज का इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है और इसकी वजह मरीज के पास आयुष्मान कार्ड होना बताई है और दूसरी वजह अस्पताल के ट्रस्टी खुद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं, यह बताई है। वीडियो के मुताबिक एक युवक के चाचा की मौत सिर्फ इसलिए हो गई क्योंकि उसके पास आयुष्मान कार्ड था और वो इलाज के लिए अमेठी के संजय गांधी अस्पताल गए थे।


स्मृति का कहना है कि आज मैं निशब्द हूं कोई इतना गिर सकता है यह कभी नहीं सोचा था। एक गरीब को सिर्फ इसलिए मरने दिया क्यूँकि उसके पास मोदी का आयुष्मान कार्ड था पर अस्पताल राहुल गांधी का था।वीडियो में व्यक्ति अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहता है कि हमने अपने चाचा को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया था। हमारे पास में आयुष्मान कार्ड था जिसके आधार पर उन्होंने इलाज करने से मना कर दिया। अस्पताल वालों का कहना था कि ये हॉस्पिटल कांग्रेस और राहुल गांधी का है किसी मोदी और योगी का नहीं है। यहां कोई आयुष्मान कार्ड नहीं चलेगा।


स्मृति ईरानी और पीएम मोदी के आरोपों के बाद संजय गांधी अस्पताल के डायरेक्टर ने भी सफाई दी है। अस्पताल के डायरेक्टर ने आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत संजय गांधी अस्पताल में 200 मरीजों का इलाज किया जा चुका है। इस कथन के बाद यदि अस्पताल पर लगे आरोप सच निकलते हैं तो प्रधानमंत्री उन्हें भी नहीं छोड़ेंगे। डायरेक्टर ने बाद में ये भी बताया कि जिस मरीज की बात हो रही है वो अपने साथ आयुष्मान भारत का कार्ड लेकर ही नहीं आया था। 


वैसे हमारा ये मानना है कि आयुष्मान भारत कार्ड हो ना हो, लेकिन समय रहते इलाज की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। सर्दी जुकाम में तो फिर भी मरीज को वापस भेजा जा सकता है, लेकिन जहां बात जिंदगी और मौत की हो वहां पर कोई एक कागज, कोई एक डॉक्यूमेंट स्पीड ब्रेकर नहीं बन जाये ऐसा नहीं होना चाहिये।