संवाददाता: नई दिल्ली
सचिव (कॉरपोरेट कार्य) इंजेती श्रीनिवास ने आज प्रतिस्पर्धा कानून समीक्षा समिति की रिपोर्ट केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण को पेश की।
समिति ने उद्योग चैंबरों, प्रोफेशनल संस्थानों, सरकारी विभागों/ मंत्रालयों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और विशेषज्ञों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ सलाह-मशविरा किया। समिति ने कारोबार में और अधिक सुगमता सुनिश्चित करने, स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने तथा नई अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने पर फोकस किया। प्रतिस्पर्धा कानून समीक्षा समिति की सिफारिशें निम्नलिखित हैं:
- बड़ी संख्या में ऐसे विलय व अधिग्रहण के त्वरित नियामकीय अनुमोदन हेतु संयुक्त अधिसूचनाओं के लिए 'ग्रीन चैनल' का शुभारंभ किया जाए जिनकी वजह से प्रतिस्पर्धा पर व्यापक प्रतिकूल प्रभाव न पड़ते हों। इसका उद्देश्य खुलासा (डिस्क्लोजर) आधारित व्यवस्था की अग्रसर होना है जिसके तहत सटीक अथवा समस्त सूचनाएं न देने पर गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
- दिवाला एवं दिवालियापन संहिता के तहत दिवाला समाधान प्रक्रिया से उत्पन्न होने वाली संयुक्त अधिसूचनाओं को भी 'ग्रीन चैनल' मंजूरी दी जानी चाहिए।
- प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत अपीलों की सुनवाई के लिए एनसीएलएटी में एक समर्पित बेंच बनाई जाए।
- सीसीआई जुर्माना लगाने पर दिशा-निर्देश जारी करे, ताकि और ज्यादा पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके तथा इसके साथ ही त्वरित निर्णय लेना भी संभव हो सके। इससे कंपनियों द्वारा अनुपालन किए जाने को बढ़ावा मिलेगा।
- क्षेत्रीय स्तर पर सीसीआई के कार्यालय खोले जाएं, ताकि गैर-अधिनिर्णयन कार्यों जैसे कि अनुसंधान कार्य शुरू किए जा सकें और राज्य सरकारों तथा राज्यों के नियामकों के साथ संवाद हो सके।
सरकार ने प्रतिस्पर्धा कानून की मौजूदा रूपरेखा (फ्रेमवर्क) की समीक्षा करने तथा नई अर्थव्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए संबंधित रूपरेखा को और ज्यादा मजबूत करने के बारे में सिफारिशें पेश करने के लिए 1 अक्टूबर, 2018 को प्रतिस्पर्धा कानून समीक्षा समिति का गठन किया था। इस समिति की अध्यक्षता कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव इंजेती श्रीनिवास को सौंपी गई थी।
पूरी रिपोर्ट को कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।