गुरुवार, 29 अगस्त 2019

शहरों में एक भी लावारिस गौ-वंश नहीं दिखना चाहिए...

संवाददाता: भोपाल मध्यप्रदेश


      नगरों में ऐसा अभियान संचालित करें कि एक भी लावारिस गौ-वंश नहीं दिखे। सड़क पर गौ-माता को छोड़ने वाले पशुपालकों के विरूद्ध लगने वाले जुर्माने की राशि बढ़ायी जाये। सड़क से लेकर गौ-शाला तक गौ-वंश का पहुँचाने और उनकी देख-रेख का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाये। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने यह बातें नगरीय निकायों के पास संचालित गौ-शालाओं के संचालकों के साथ चर्चा में कही।



गांधी जयंती पर होगा 12 गौ-शालाओं के साथ एमओयू


नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर 12 शहरों में स्थित गौ-शालाओं के साथ नगरीय निकाय एमओयू करेंगे। एमओयू नगरीय निकाय भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, कटनी, सागर, टीकमगढ़, पन्ना, अशोकनगर, विदिशा, गंजबासौदा और आरोन करेंगे। सिंह ने कहा कि एमओयू में गौ-शाला संचालकों द्वारा दिये गये सुझावों को भी शामिल किया जायेगा।


सिंह ने कहा कि गौ-शालाओं को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और स्वच्छता अभियान से भी जोड़ा जायेगा। इनके द्वारा उत्पादित सामग्री के विपणन की व्यवस्था भी की जायेगी।


अलग-अलग रंग के लगेंगे टैग


पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने कहा कि गौ-शाला के पशुओं और पशुपालकों के पशुओं को अलग-अलग रंग के टैग लगाये जायें। यादव ने बताया कि गौ-शालाओं को प्रति पशु, प्रति महीना 20 रूपये दिये जायेंगे। यह राशि हर तीन माह में दी जायेगी।


अपर मुख्य सचिव पशुपालन मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि गौ-शालाओं के मृत पशुओं के निष्पादन के लिये एडवाइजरी जारी करेंगे। उन्होंने बताया कि गौ-शालाओं में अब बिजली का कामर्शियल चार्ज नहीं लगेगा। सोलर पैनल लगवाने पर भी विचार किया जा रहा है। बैठक में आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास पी. नरहरि, संचालक टाउन एवं कंट्री प्लानिंग राहुल जैन और उप सचिव नगरीयप्रशासन एवं विकास मनीष सिंह उपस्थित थे।