शुक्रवार, 6 सितंबर 2019

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो पर आयोजित साइबर अपराध जांच और न्‍यायिकविज्ञान पर प्रथम राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन को संबोधित किया...

संवाददाता: नई दिल्ली 


      केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) द्वारा नई दिल्‍ली में साइबर अपराध जांच और न्‍यायिक विज्ञान पर आयोजित प्रथमर राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए, केंद्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास,प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन,  परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि सीबीआई को पिछले वर्षों में अत्‍यधिक विश्‍वसनीयता मिली है और यह अपराधों की जांच के लिए एक मानक बन गया है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने देश में अपने तरह के पहले राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन को आयोजित करने के लिए सीबीआई को बधाई दी। सीबीआई की सराहना करते हुए, डॉ सिंह ने कहा कि देश के अधिकांश हिस्‍सों और दूरस्‍थ क्षेत्रों के लोग सीबीआई के क्रियाकलाप में विश्‍वास करते हैं।



डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि भारत अभी  भी एक राष्‍ट्र के रूप में विकसित हो रहा है और सीबीआई जैसे संगठनों ने भारतीय लोकतंत्र के प्रति विश्‍वसनीयता बढ़ाने में मदद की है। उन्‍होंने कहा कि समाज के विकास के साथ अपराध की प्रकृति में भी बदलाव आता है, जिससे जांच एजेंसियों के लिए अपनी तकनीकों को विकसित करना अनिवार्य हो जाता है। उन्‍होंने कहा कि पिछले वर्षों में अपराध के पूरे परिदृष्‍य में बदलाव आया है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि साइबर अपराध का अध्‍ययन करना भारत के लिए महत्‍वपूर्ण है और इस अध्‍ययन के दौरान भारत की विशाल जनसंख्‍या को ध्‍यान में रखने के साथ-साथ इस बात को भी ध्‍यान में रखना चाहिए कि विश्‍व भर में इंटरनेट उपभोक्‍ता की संख्‍या के मामले में भारत का दूसरा स्‍थान है।


देश में हाल के बदलाव की चर्चा करते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि हम अनुच्‍छेद 370 की समाप्ति के बाद के परिदृश्‍य में हैं। उन्‍होंने इस बात पर चिन्‍ता व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो डाल कर राष्‍ट्र के लिए खतरा उत्‍पन्‍न करते हैं, जिसका समाधान करना जरूरी है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में, सरकार ने प्रौद्येागिकी के मन-मुताबिक इस्‍तेमाल पर जोर दिया। उन्‍होंने डिजिटल इंडिया, जेइएम, आधार और जनधन योजना का उदाहरण दिया। उन्‍होंने कहा कि कंप्‍यूटर प्रौद्योगिकी देश के अधिकांश परिवारों में पहुंच चुकी है। उन्‍होंने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में हमारी स्‍पष्‍टता पर सरकार जोर दे रही है और इसके बारे में निर्णायक कार्रवाई की गई है।


डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने घोषणा करते हुए कहा कि सीबीआई में 99 करोड़ रुपये की लागत से एक केंद्रीकृत प्रौद्योगिकी वर्टिकल (सीटीवी) स्‍थापित किया जाएगा, जो अगले वर्ष से काम करने लगेगा। उन्‍होंने कहा कि जांचकर्ताओं के फायदे के लिए तत्‍काल विवरण प्राप्‍त करने में इससे मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि साइबर अपराध से निपटने का काम केवल सीबीआई पर नहीं छोड़ा जा सकता। उन्‍होंने गैर सरकारी संगठनों और कार्यकर्ताओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि वे लोगों की सोच में बदलाव लाकर, साइबर अपराध को रोकने के लिए आगे आएं।


सीबीआई के निदेशक आर के शुक्‍ला ने कहा कि यह सम्‍मेलन राज्‍य की पुलिस और प्रवर्तन एजेंसियों के लिए उनकी श्रेष्‍ठ परंपराओं को साझा करने तथा उन्‍हें अपनाने के क्रम में एक मंच है। उन्‍होंने कहा कि फिलहाल विश्‍वभर में साइबर अपराध की घटनाएं हो रही हैं और जमीनी स्‍तर पर कार्यरत एजेंसियों के लिए अनुभव बढ़ाने में यह सम्‍मेलन मददगार साबित होगा।


सीबीआई के निदेशक कल दो दिन के इस सम्‍मेलन का शुभारंभ किया था। राज्‍य और केंद्रशासित पुलिस के साइबर अपराध से निपटने वाले पुलिस महानिदेशकों, अपर पुलिस महानिदेशकों, पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस उपमहानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों सहित केंद्रीय एजेंसियों, गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रिोनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, अन्‍य मंत्रालयों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और शिक्षा जगत के लगभग 50 अधिकारियों ने इस सम्‍मेलन में भाग लिया।