संवाददाता : जयपुर राजस्थान
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार शनिवार को प्रदेशभर में लोक अदालत का आयोजन कर 814 बैंच लगाई और करीब 53 हजार प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
उप सचिव प्रशासन रजनीकान्त शर्मा ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर एवं जयपुर बैन्च सहित प्रदेश के सभी अधीनस्थ न्यायालयों एवं अधिकरणों में लंम्बित सभी प्रकृृति के राजीनामा योग्य प्रकरणों व प्री-लिटीगेशन के मामलों की नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जयपुर की अध्यक्ष न्यायाधिपति श्रीमति सबीना व राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जोधपुर के अध्यक्ष न्यायाधिपति श्री संदीप मेहता के सानिध्य में प्रदेशभर में 814 बैंचे बनाई गई। राज्य के 35 न्यायिक जिलों में 809 बैंच तथा राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर में तीन व राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में दो बैंच बनाई गई। राष्ट्रीय लोक अदालत के समक्ष एक लाख 62 हजार 498 प्रकरण लंम्बित प्रकरण एवं एक लाख 7 हजार 250 प्रकरण प्री-लिटिगेशन के प्रस्तुत किए गए। इस प्रकार 814 बैंचों के समक्ष 2 लाख 69 हजार 748 प्रकरण नियत किये गये।
शर्मा ने बताया कि इन नेशनल लोक अदालतों में राजीनामा योग्य सभी प्रकृति के प्रकरण दीवानी, राजस्व, श्रम, मोटर वाहन दुर्घटना दावा, पारिवारिक मामले, बैंक बीमा कम्पनी व रोडवेज आदि से सम्बंधित 43 हजार 848 लम्बित प्रकरणों का निस्तारण किया गया व पीड़ित पक्ष को 354 करोड़ 30 लाख 51 हजार 509 रूपये का अवार्ड पारित किया गया। प्री-लिटीगेशन की स्टेज पर भी प्रकरणों को रखा गया था जिनमें राजीनामा के माध्यम से 9 हजार 91 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इस प्रकार कुल 52 हजार 939 प्रकरणों का निस्तारण किया गया व 3,98 करोड़ 79 लाख 56 हजार 838 का अवार्ड पारित किया गया।
उप सचिव प्रशासन श्री रजनीकान्त शर्मा ने बताया कि अब तक इस वर्ष एक लाख 58 हजार 547 पैंडिंग केसेज, 42 हजार 400 प्री-लिटिगेशन केसेज सहित कुल 2 लाख 947 प्रकरण निस्तारित हो चुके हैं और 1494 करोड़ 39 लाख रूपए के मूल्य के विवादों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से हो चुका है।