सोमवार, 30 दिसंबर 2019

सीएए और एनआरसी के समर्थन में दून में विशाल रैली...

संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड 


      नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी के समर्थन में दून में लोक अधिकार मंच ने विशाल रैली निकालकर सीएए और एनआरसी का विरोध करने वालों पर पलटकर जवाबी हमला किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट समेत सभी भाजपा विधायक पूरी ताकत के साथ रैली में शामिल हुए और सीएए के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की। लोक अधिकार मंच ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर शहर में विशाल रैली निकली। मंच के नेताओं ने करीब दस हजार लोगों के रैली में जुटने का दावा किया है।



रैली के लिए सुबह से ही मंच के नेतृत्व में सीएए समर्थक, भाजपा नेता, विधायकों व विभिन्न मंडलों के पदाधिकारियों के नेतृत्व में परेड ग्राउंड में जुटना शुरू हो गए थे। बीजेपी नेताओं के संरक्षण में निकली रैली में कहीं भी भाजपा का झंडा या बैनर का इस्तेमाल नहीं किया गया था। अपने भाषणों में भी भाजपा नेता इसे सीएए का समर्थन करने वालों के समर्थन में निकाली गई रैली बताते रहे। परेड ग्राउंड में रैली शुरू होने से पहले खुले वाहन में सवार नेताओं के सम्बोधन देर तक चले। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने अपने सम्बोधन में साफतौर पर कहा कि सीएए के बहाने विपक्षी व देश विरोधी ताकतें देश में अव्यवस्था व अराजकता की स्थिति पैदा कर रही हैं।


बीजेपी देशहित में नागरिकता कानून का समर्थन कर रही है। जो भी लोग सीएए का समर्थन करेंगे।बीजेपी उनके साथ खड़ी होगी। कहा कि, ये रैली बीजेपी का कार्यक्रम नहीं है। लोक अधिकार मंच सीएए का समर्थन कर देश की एकता के लिए काम कर रहा है। इसलिए बीजेपी उनके समर्थन में सामने आई है। लोक अधिकार मंच के कार्यकर्ता इसके लिए बधाई के पात्र हैं। देश के गृह मंत्री ने कह चुके हैं कि ये कानून किसी की नागरिकता नहीं ले रहा तो फिर विरोध क्यूं। कानून तो सिर्फ उन अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए बनाया गया है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में सालों से उत्पीड़न का शिकार हैं। देश का विभाजन के समय तब देश के शीर्ष नेताओं ने तय किया था कि भारत में रहने वाले मुसलमानों का जिम्मा भारत सरकार का होगा और पाक में रहने वाले हिन्दू अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा का जिम्मा पाक सरकार का होगा। लेकिन पाक समेत अन्य जगह ऐसा नहीं हुआ।


लिहाजा उनकी रक्षा में लिए अंतत: भारत सरकार को आगे आना पड़ा। इस पर किसी को एतराज नहीं होना चाहिए। भारत सरकार किसी को प्रताड़ित करने के पक्ष में नहीं है। लेकिन दुर्भाग्य है कि पाकिस्तान सरकार ऐसा नहीं सोचती। पाक में रहने वाले अल्पसंख्यकों को अपना कारोबार छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। ऐसे लोगों को भारत नहीं अपनाएगी तो कौन देश अपनाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में मौजूद विरोधी ताकतें सीएए की नेक पहल को पूरा नहीं होने देना चाहती। बीजेपी की सरकार अल्पसंख्यकों को भरोसा देना चाहती है कि उन्हें भारत में पहले जैसी ही आजादी मिलेगी। उनके नागरिक अधिकारों को छेड़ा नहीं जाएगा। इससे पहले अपने अपने सर्मथकों संग रैली में शामिल होने पहुंचे अन्य भाजपा नेताओं व विधायकों ने भी पुरजोर ताकत से सीएए का समर्थन कर विरोधी ताकतों को माकूल जवाब देने का आह्वान किया।