गुरुवार, 19 दिसंबर 2019

उद्योग मंत्री ने आगामी केन्द्रीय बजट में 1400 करोड़ के वित्तीय परिवेय का आग्रह किया...

संवाददाता : शिमला हिमाचल


        उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने केंद्र सरकार से प्रदेश के लिए सैंद्धातिक रूप से घोषित 58 राष्ट्रीय उच्च मार्गों के निर्माण के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में 1400 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय का प्रावधान करने का आग्रह किया है। वे आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित प्री-बजट समन्वय बैठक के दौरान बोल रहे थे।

 


 

उन्होंने 35 किलोमीटर पिंजौर-बद्दी-नालागढ़, 223 किलोमीटर शिमला-मटौर और 197 किलोमीटर लम्बे पठानकोट-मण्डी राष्ट्रीय उच्च मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए 1000 करोड़ रुपये का विशुद्ध कोष सृजित करने का आग्रह किया। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च मार्गों के सामान्य मरम्मत कार्यों तथा बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए वार्षिक परिव्यय को बढाकर 100 करोड़ करने का आग्रह किया ताकि प्रदेश में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा सके।

 

उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य में सीमित हवाई और रेल सम्पर्क सेवाएं होने के कारण सड़कें परिवहन का एकमात्र साधन हैं। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक परिवहन के रूप में रज्जू मार्ग के निर्माण को पहाड़ी राज्यों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल किया जाना चाहिए।

 

उन्होंने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का एक बड़ा हवाई अड्डा स्थापित करने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करने तथा मौजूदा तीन हवाई अड्डों के विस्तार के लिए भी आग्रह किया। उन्होंने भानुपल्ली-बिलासपुर और चंडीगढ़-बद्दी रेल लाईन के निर्माण के लिए वन टाइम फाइनैशिंयल स्पोर्ट तथा प्रदेश के सीमित साधनों के दृष्टिगत ऊना-हमीरपुर-ब्राॅडगेज रेल लाईन व भविष्य में बनने वाली अन्य रेल लाईनों को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने एवं कार्यान्वयन की मांग की।

 

बिक्रम सिंह ने अन्य देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में स्थानीय किसानों विशेषकर सेब उत्पादकों के हितों को सुरक्षित करने पर बल दिया। उन्होंने केन्द्र सरकार से आगामी वर्ष में प्रथम चरण में तीन एकीकृत विपणन स्थानों के लिए वित्तीय सहायता की मांग की। जिसमें एकीकृत ई-नाम के तहत खरीद, गे्रडिंग, पैकेजिंग, प्रसंस्करण और बाजार लिंकेज के प्रावधान की सभी प्रक्रियाएं शामिल हांे।

 

उन्होंने आग्रह किया कि भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड के पास ऐसी भूमि जो बोर्ड द्वारा प्रयोग में नहीं लाई जा रही है, जिसपर न डैम बना है और न ही अन्य गतिविधियां चलाई जा रही हैं, ऐसी हजारों हेक्टेयर जमीन को राज्य को वापिस किया जाए ताकि राज्य में विकास को गति दी जा सके।

 

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन व हाइड्रो पावर हब है। प्रदेश को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया है। अब राज्य अधोसंरचना विकास के सुदृढ़ीकरण के लिए तीव्रता से कार्य करने पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार से धन उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।

 

    मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एवं प्रधान आवासीय आयुक्त संजय कुंडू भी इस बैठक में उपस्थित थे।