संवाददाता : रायपुर छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारा लक्ष्य गगनचुंबी इमारतों और हवाई अड्डों का निर्माण करना नही है, बल्कि छत्तीसगढ़ में रहने वाले व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित करना है। बघेल चेन्नई में द न्यू इंडियन एक्सप्रेस - थिंक एडु कॉन्क्लेव 2020 के श्रोताओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने उन कार्यक्रमों के बारे में भी बताया जो उनकी एक वर्षीय सरकार ने राज्य के विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनाए हैं।
बघेल ने कहा कि हमारे राज्य में किसानों को धान का पूरे देश में सबसे ज्यादा कीमत मिल रही है। जब से यह सरकार सत्ता में आई है, हमने किसानों की कर्ज माफी की है और उन्हें बिजली बिल में छूट दी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक साल में ही ऑटोमोबाइल, जवाहरात और रियल एस्टेट सेक्टर में उनके राज्य की वृद्धि प्रभावशाली रही है।
बघेल ने कहा कि 39 प्रतिशत आबादी अभी भी गरीबी रेखा से नीचे है। हमारे बच्चों का एक बड़ा हिस्सा कुपोषित है। हमारी कई महिलाएं एनेमिक हैं। और ये समस्या नक्सलवाद से भी बड़ी हैं। हर समस्या का हल है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के गरीब और कुपोषित बच्चों को गर्म पौष्टिक भोजन दिया जाता है।
नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में हमने 200 ऐसे स्कूल फिर से खोल दिए हैं, जो पहले नक्सलियों द्वारा बंद कर दिए गए थे। नक्सल गतिविधियों के कारण इस क्षेत्र में शिक्षा का बहुत नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि जगारगुंडा और भेज्जी में स्कूलों को 13 साल बाद फिर से खोल दिया गया है। स्कूलों को भी फिर से तैयार किया गया और यहां बच्चों की बेहतर शिक्षा की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद निश्चित रूप से एक ऐसा मुद्दा है जिसे कोई भी छत्तीसगढ़ की बात करते हुए नजरअंदाज नहीं कर सकता है। हम हिंसा के साथ हिंसा को हल नहीं कर सकते। यह एक रणनीति है जिसका सरकारों ने वर्षों से पालन किया है। हालांकि, हम इसके बजाय सभी हितधारकों के साथ चर्चा और बातचीत कर सकते हैं, यह आगे का रास्ता है।