मंगलवार, 7 जनवरी 2020

किसान पाठशाला के माध्यम से किसानों को दी जा रही कृषि के आधुनिकत्तम तकनीक की जानकारी...

संवाददाता : पटना बिहार 


      डॉ० प्रेम कुमार ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने एवं वातावरण की सुरक्षा की आवश्यकता को ध्यान में रखकर बिहार सरकार द्वारा समेकित कीट प्रबंधन कार्यक्रम अपनाया गया है, ताकि कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ कृषि उपज की गुणवत्ता एवं पर्यावरण संरक्षण आदि में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि फसल सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य के प्रत्येक जिला में खरीफ एवं रबी फसलों में 4-4 अर्थात कुल 304 कृषक प्रक्षेत्र पाठशाला चलाया जा रहा है एवं टाल विकास योजना अन्तर्गत राज्य के 6 जिलों के टाल क्षेत्रों में दलहनी फसलों पर 29 प्रखण्डों में 4-4 यानि कुल 116 कृषक प्रक्षेत्र पाठशाला चलाया जा रहा है।



माननीय मंत्री ने कहा कि फसल की बुआई से लेकर कटाई तक संचालित किए गए नियमित सत्रों के माध्यम से कृषकों का समूह फसल की पारिस्थितिकी को देखता है तथा उसकी गतिशीलता के बारे में चर्चा करता है। किसान पाठशाला ऐसे नवाचार किसानों के खेतों में स्थापित किये जाते हैं, जो वैज्ञानिक और संधारणीय कृषि के माध्यम से अपने खेतों में उत्पादकता और लाभ में वास्तव में वृद्धि कर रहे हैं। किसान पाठशाला ज्ञान-प्रबंधन के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। यह एक वैकल्पिक विस्तार उपकरण है तथा कृषक-से-कृषक के शिक्षण को सुलभ बनाता है। यह वैज्ञानिक ज्ञान और कृषकों की पद्धतियों के बीच बढ़ते हुए अंतर को भी कम करता है। फार्म स्कूल उपलब्धि हासिल करने वाले कृषकों की तकनीकियों एवं नवाचारों का प्रचार-प्रसार फार्मर फिल्ड स्कूल की समान प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए किया जाता है। यहाँ सहयोगकर्ता अथवा शिक्षक उपलब्धि प्राप्त करने वाला किसान होगा तथा उसके फार्म में उपयुक्त तकनीकियों/प्रौद्योगिकियों का प्रसार किया जाता है।


डॉ० कुमार ने कहा कि कृषि की आधुनिकतम तकनीक को किसानों तक पहुँचाने के लिए "करके सीखो' के साथ देखकर एवं ऊपज प्राप्त कर विश्वास करें, फार्म स्कूल का प्रमुख सिद्धांत है। यह खेत-खलिहानों में संचालित होने वाला एक ऐसा अनौपचारिक स्कूल है, जहाँ सीखने एवं सीखाने वाले स्वयं प्रगतिशील किसान ही होते हैं। फार्म विद्यालयों में प्रशिक्षक प्रगतिशील किसान/प्रसार कार्यकर्ता, वैज्ञानिक/विशेषज्ञ हो सकते हैं, जो सरकारी अथवा गैर सरकारी क्षेत्र से संबंधित हो। फार्म विद्यालय के प्रमुख कार्यकलापों में से एक या अधिक फसलों में अथवा सम्बद्ध प्रक्षेत्र कार्यक्रमों में अग्रपक्ति प्रत्यक्षण संचालित करना है। एक फसल मौसम में फसल की विभिन्न क्रांतिक अवस्थाओं के लिए 14 सत्र (कक्षा) आयोजित की जाती है। फार्म विद्यालयों में 30 की संख्या में विभिन्न गाँवों के कृषक विद्यार्थी के रूप में अथवा समूह के द्वारा प्राधिकृत सदस्य रूप में भाग लेंगे।