रविवार, 12 जनवरी 2020

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री ने स्टील हब के माध्यम से पूर्वी भारत का त्वरित विकास लॉन्च किया...

संवाददाता : नई दिल्ली 


      पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि "चाहे वह हमारा स्वतंत्रता आंदोलन हो या सामाजिक सुधार, पूर्वी भारत ने राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान किया है। पूर्वी भारत अनंत अवसरों का देश है। प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न होने के बावजूद, यह क्षेत्र देश के कुछ अन्य हिस्सों की तुलना में सामाजिक-आर्थिक विकास में पिछड़ गया है। आज हम इस्पात क्षेत्र में पूर्वोदय आरम्भ कर रहे हैं, जो एकीकृत स्टील हब के माध्यम से इस्पात क्षेत्र के त्वरित विकास द्वारा पूर्वी भारत के उत्थान की कहानी में एक नया अध्याय लिखेगा।



ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उत्तरी आंध्र प्रदेश सन्निहित यह प्रस्तावित एकीकृत स्टील हब पूर्वी भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक मशाल की तरह काम करेगा। इस हब का उद्देश्य त्वरित क्षमता संवर्धन में सक्षम बनाना और लागत तथा गुणवत्ता दोनों मामले में स्टील उत्पादकों की समग्र प्रतिस्पर्धा में सुधार लाना है। एकीकृत स्टील हब 3 प्रमुख तत्वों पर केंद्रित होगा:


1. ग्रीनफील्ड स्टील प्लांटों की स्थापना को सुगम बनाने के माध्यम से क्षमता में वृद्धि


2. एकीकृत इस्पात संयंत्रों एवं मांग केंद्रों के पास इस्पात समूहों का विकास।


3. संभार तंत्र एवं उपयोगिता बुनियादी ढांचे में रूपान्तरण जो पूर्वी क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल देगा।


इस तरह के हब के माध्यम से इस्पात उद्योग की वृद्धि पूरे मूल्य श्रृंखला में रोजगार के उल्लेखनीय अवसरों के सृजन को बढ़ावा देगी और पूर्वी भारत के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और इस प्रकार पूर्व और देश के अन्य क्षेत्रों के बीच व्याप्त विषमता को कम करेगी।


इस्पात मंत्रालय की अपर सचिव रसिका चौबे, पश्चिम बंगाल सरकार की उद्योग सचिव  वंदना यादव, ओडिशा सरकार के उद्योग सचिव, हेमंत शर्मा, इंडियन ऑयल के अध्यक्ष संजीव सिंह, सेल के अध्यक्ष अनिल चौधरी, कोल इंडिया के अध्यक्ष अनिल कुमार झा, सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी, आरएसबी लिमिटेड के एमडी एस.के. बेहरा ने भी श्रोताओं को संबोधित किया।