संवाददाता : शिमला हिमाचल
मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि जनगणना डाटा दशकों के सामाजिक विश्लेषण के लिए एक मुख्य आधार है और इसके माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों व नीतियों के लिए आवश्यक सूचना प्राप्त होती है। मुख्य सचिव आज यहां भारत की जनगणना-2021 के सन्दर्भ में हिमाचल प्रदेश मण्डलीय जनगणना अधिकारियों एवं प्रधान जनगणना अधिकारियों के एक दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन जनगणना संचालन निदेशालय हिमाचल प्रदेश ने किया।
कार्यशाला के दौरान मण्डलीय और प्रधान जनगणना अधिकारियों को मकानों के सूचीकरण और मकानों की गणना के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
अनिल खाची ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मण्डलीय जनगणना अधिकारियों और प्रधान जनगणना अधिकारियों को जनगणना अभियान के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने मण्डलीय और प्रधान जनगणना अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनगणना का कार्य पूरे समर्पण के साथ निर्धारित समयावधि में पूरा करें। उन्होंने जिला स्तर पर जनगणना संबंधी कार्य के समन्वय के लिए नोडल अधिकारी अधिसूचित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने सभी जिलों में फिल्ड ट्रेनर भी नियुक्त करने के निर्देश दिए ताकि शीघ्र ही जनगणना प्रबन्धन और निगरानी प्रणाली के संचालन के लिए तकनीकी सहायता मिल सके।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि वह इस अभ्यास के बारे में पूरी जानकारी हासिल करें और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का भरपूर लाभ उठाऐं। अधिकारियों को जन प्रतिनिधियों के साथ जुड़ना और उन्हें जनगणना प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए जन सहभागिता सुनिश्चित बनाना आवश्यक है।
निदेशक जनगणना संचालन डाॅ. सुशील काप्टा ने भारत की जनगणना की पृष्ठभूमि, इसके महत्व और कानूनी प्रावधानों पर विस्तृत जानकारी दी।
डाॅ. काप्टा ने कहा कि जनगणना देश में सभी प्रकार की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का आधार है। उन्होंने जानकारी दी कि जनगणना-2021 के दौरान प्रदेश के सभी 12 जिलों में कार्य किया जाएगा, जिनमें 73 उप-मण्डल, 172 तहसीलें एवं उप-तहसीलें और 2085 गांव शामिल हैं। जनगणना के कार्य मंे प्रदेश में 14946 प्रगणकों और 2532 पर्यवेक्षकों की सेवाएं ली जाएंगी। यह कार्य चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। पहले चरण में मकानों का सूचीकरण और मकानों की गणना तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के अद्यतनीकरण का कार्य 16 मई से 30 जून, 2020 की अवधि में किया जाएगा। दूसरे चरण में 9 से 28 फरवरी, 2021 तक सामान्य क्षेत्रों में जनसंख्या की गणना का कार्य किया जाएगा। पुनरीक्षण का दौर एक से पांच मार्च, 2021 तक चलेगा। बर्फ से ढके सीमा क्षेत्रों में जनगणना का कार्य 11 से 30 सितम्बर, 2020 तक होगा और पुनरीक्षण दौर एक से 5 अक्तूबर, 2020 तक चलेगा।
उप-निदेशक जनगणना संचालन डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद ने मकान सूचीकरण और मकानों की गणना की प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी।
सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि सभी जिलों के उपायुक्त और शिमला एवं धर्मशाला नगर निगमों के आयुक्तों को प्रधान जनगणना अधिकारी नियुक्त किया गया है।
सचिव जीएडी देवेश कुमार, विभिन्न जिलों के उपायुक्त एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।