गुरुवार, 5 मार्च 2020

शेखावाटी विकास परिषद का फाग उत्सव बहुरंगी संस्कृति से ही राजस्थान की अलग पहचान : कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री

संवाददाता : जयपुर राजस्थान


       कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा है कि बहुरंगी सांस्कृतिक विरासत के कारण राजस्थान की देश और विदेश में विशिष्ट पहचान है। उन्होंने प्रदेश की लोक संस्कृति, परम्पराओं को अक्षुण्ण रखने और राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए सभी से मिलकर योगदान देने की अपील करते हुए कहा कि संस्कृति से ही हमारी पहचान है, संस्कृति जिंदा है, तब ही हम जिंदा है। 

 

डॉ. कल्ला बुधवार को जयुपर के बिड़ला आडिटोरियम में शेखावाटी विकास परिषद एवं ट्रस्ट की ओर से आयोजित फाग उत्सव को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।

 


 

कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री ने कहा कि होली की समृद्ध परम्पराओं को कायम रखने में शेखावाटी अंचल और बीकानेर का बड़ा योगदान है। शेखावाटी की होली के अलावा बीकानेर के अलग-अलग मौहल्लों में इन दिनों चल रही रम्मतें प्रदेश की लोक संस्कृति और परम्पराओं को अक्षुण्ण बनाए हुए है।

 

डॉ. कल्ला ने कहा कि राजस्थानी पूरे विश्व में एक ऎसी अनूठी भाषा है, जिसमें ’प्रथम पुरुष’ को नाम लेकर पुकारे जाने से ही व्यक्तियों के बीच में सम्बंध का पता लगाया जा सकता है। हमारी मायड़ भाषा राजस्थानी में प्रत्येक महिने के अलग-अगल गीत है, जो लोक संस्कृति के रंगों में रंगे में रंगे हुए हैं। इन गीतों से ही यह सहज रूप से पता चल जाता है कि कौनसा महिना चल रहा है। डॉ. कल्ला ने अलगअलग महिनों से जुड़े हुए राजस्थानी लोक संस्कृति के गीतों की चर्चा करते हुए कहा कि फाल्गुन का महिना आते ही डफ और चंग की धमाल के सुर प्रदेश की फिजाओं में गूंजने लगते हैं।

 

उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए राज्य विधानसभा की ओर से प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भिजवाए हुए काफी अरसा हो गया है। केन्द्र सरकार हमारी मायड़ भाषा को आठवलृ अनुसूची में शामिल कर मान्यता प्रदान करे, इसके लिए सभी मिलकर प्रयास करें।

 

कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री ने सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखने के लिए शेखावाटी परिषद की ओर से आयोजित फाग उत्सव जैसे कार्यक्रमों के लिए इसके पदाधिकारियों को बधाई देते हुए उनके प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम में सांसद रामचरण बोहरा, विधायक अभिनेष महर्षि, शेखावाटी विकास परिषद एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष जेपी मिश्र, संयोजक आरबी चौमाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीबी शर्मा सहित परिषद की कार्याकारिणी के पदाधिकारी एवं सदस्यगण तथा परिषद से जुड़े लोगों के परिवारजन और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

 

कार्यक्रम में शेखावाटी सांस्कृतिक कला मंदिर, जयपुर से जुड़े कलाकरों ने चंग, बांसुरी और लोक वाद्यों की धुन पर होली से जुड़े लोक गीत और शेखावाटी के पारम्परिक लोक नृत्यों की आकर्षक प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।