बुधवार, 25 मार्च 2020

सूचना देने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंच रही स्वास्थ्य टीम...

संवाददाता : लख़नऊ उत्तरप्रदेश 


       इस समय देश में महामारी के रूप में पनपे नोवल कोरोना वायरस को लेकर जहां केन्द्र सहित देश के सभी राज्यों की सरकारों के निर्देश पर जिला प्रशासन गम्भीर है, वहीं इस बाबत शिकायत दर्ज कराने के लिये बने कण्ट्रोल रूम एवं नोडल अधिकारी लापरवाह बने हुये हैं।


शासन-प्रशासन द्वारा साफ शब्दों में कहा गया है कि 28 दिन के अन्दर दूसरों जनपदों, प्रान्तों एवं देशों से आये लोगों की सूचना तत्काल कण्ट्रोल रूम को दिया जाय। इसका अक्षरशः पालन करते हुये जागरूक लोग जनहित में जारी दूरभाष नम्बरों पर सूचना दे रह हैं लेकिन एकाध को छोड़कर अधिकांश सूचना को नजरअंदाज कर दिया जा रहा है।



बार-बार सूचना देने के बाद भी कोई भी टीम मौके पर नहीं पहुंच रही है। अलबत्ता एकाध सूचना को गम्भीरता से लेते हुये पुलिस भेज दी जाती है जिनके पास कोई व्यवस्था न होने से लाचार होकर वह लौट जाते हैं। बता दें कि गत दिवस जफराबाद थाना क्षेत्र के समोपुर कलन्दरपुर से कण्ट्रोल रूम को दी गयी सूचना का कोई असर नहीं दिखा। इस तरह शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के नूर खां कुंआ से दी गयी सूचना भी बेमतलब निकला।


साथ ही बीते सोमवार को चौकियां क्षेत्र से दी गयी सूचना पर स्वास्थ्य टीम नहीं पहुंची। अलबत्ता पुलिस जरूर पहुंची जिन्होंने सभी संदिग्धों को जिला अस्पताल भेज दिया लेकिन यहां से उन्हें वापस लौटा दिया गया। इसी तरह मछलीशहर क्षेत्र में मुम्बई से आये 10 संदिग्धों की सूचना देने के बाद कोई नहीं पहुंचा लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष ने गम्भीरता दिखायी तो टीम पहुंची।
एक ताजा मामला मड़ियाहूं क्षेत्र के ग्राम मंेजा की है जहां की प्रधान राजपत्ती देवी ने सम्बन्धित दूरभाष नम्बर पर सूचना दिया कि गांव में 14 ऐसे लोग हैं जो विभिन्न महानगरों से आये हैं। इनमें कुछ तो संदिग्ध हैं जबकि शेष की नियम के अनुसार जांच होनी चाहिये। उन्होंने बताया कि निर्धारित दूरभाष नम्बर पर सूचना देने के बाद भी अभी तक न स्वास्थ्य टीम पहुंची और न ही पुलिस।


कुल मिलाकर इस महामारी को लेकर जहां केन्द्र व राज्य सरकार के साथ जिलाधिकारी दिनेश सिंह एवं आरक्षी अधीक्षक अशोक कुमार गम्भीर हैं, वहीं नोडल अधिकारी, कण्ट्रोल रूम, स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना हुआ है जो सीधे-सीधे देश हित के लिये गलत कदम है।