प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय ने कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी प्रयासों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए भारत के प्रधानमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आग्रह पर अपने सभी कर्मचारियों से 1 दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड में देने का निश्चय किया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के सदस्य डॉ वीरेंद्र सिंह नेगी ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों ने इस मुहिम में लगभग 4.82 करोड़ रुपए जमा किए हैं।
पूरे विश्व में आई इस आकस्मिक आपदा का शिकार भारत भी हुआ है। इस कारण से भारत में 25 मार्च से पूर्ण रूप से लॉक डाउन घोषित किया गया है।
देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए और स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने व्यापक कदम उठाए हैं। इसकी तैयारी में कई मंत्रालयों और योजनाओं के फंड को स्वास्थ्य विभाग को दिया जा रहा है।
इस महामारी की भीषणता को देखते हुए देश भर में बड़े पैमाने पर उद्योगपति, राजनीतिज्ञ,स्वयंसेवी संस्थाएं, सेवा कर्मी, पूर्व सेवा कर्मी, सामान्य नागरिक और संस्थानों ने भारत के प्रधानमंत्री केयर्स फंड में अपना यथासंभव योगदान किया है।
कोरोना वायरस से फैली कोविद19 जैसी महामारी से बचने के लिए इसके संक्रमण के प्रसार को रोकना आवश्यक है। इसलिए लॉकडाउन व सामाजिक अलगाव अथवा सोसल डिस्टेंसिंग को ही सबसे प्रभावी कदम माना गया है। इसलिए सभी नागरिकों को लॉक डाउन की अवधि के लिए अपने-अपने स्थान पर रहने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन लोगों को जाने अनजाने में यह संक्रमण हो गया है वह स्वयं आगे आकर अपना टेस्ट कराएं तथा इस दौरान अपनी गतिविधियों की जानकारी सार्वजनिक कर अन्य लोगों को सजग करने में सहायक बन सकते हैं।कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति का इलाज पूरी तरह संभव है बशर्ते कि वह समय से चिन्हित हो स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करें।
डॉ वीरेंद्र सिंह नेगी ने बताया दिल्ली विश्वविद्यालय के 15,000 शिक्षकों कर्मचारीयों ने न केवल स्वेच्छा से अपना 1 दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड में दिया है बल्कि यह सभी पूरी निष्ठा और कठोरता से लाकडाउन का पालन भी कर रहे हैं। इसके साथ-साथ विश्वविद्यालय एनसीसी, एनएसएस जैसे प्लेटफार्म से इस महामारी के समय सहायता कार्य में शामिल हो रहा है।