संवाददाता : चंडीगढ़ पंजाब
कोरोना संकट में श्रमिकों की कमी के बीच राज्य में इस बार जहां धान की सीधी बुआई से करीब 60 फीसद पानी बचने जा रहा है, वहीं कॉटन बेल्ट के तौर पर विख्यात मालवा क्षेत्र की धरती में धान से कहीं अधिक नरमा-कपास की बिजाई होने जा रही है।
खेतीबाड़ी विभाग ने नरमा-कपास के लिए मालवा के प्रमुख जिलों बठिडा, मानसा और श्री मुक्तसर साहिब में धान का रकबा कम करके उसके स्थान पर कॉटन की बुआई करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
एक तरफ खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारियों का का दृढ़ संकल्प तो दूसरी ओर अन्य राज्यों के श्रमिकों की कमी के कारण किसानों की मजबूरी नरमा-कपास के निर्धारित लक्ष्य के पूरा होने की उम्मीद जगाती है।
हालांकि किसान धान के मुकाबले नरमा-कपास की खेती करना काफी कठिन मानते हैं। इसके बावजूद नरमा की बिजाई कर रहे हैं