संवाददाता : जयपुर राजस्थान
प्रदेश में आगामी एक सितम्बर से सभी धार्मिक स्थल आमजन के लिए खोले जा सकेंगे। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए गृह विभाग इसके लिए अलग से गाइडलाइन जारी करेगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि सभी जिला कलेक्टर सोशल डिस्टेंसिंग एवं हैल्थ प्रोटोकॉल के साथ धार्मिक स्थलों को खोले जाने के लिए अभी से तैयारी शुरू करें।
गहलोत ने यह भी निर्देश दिए सभी ग्राम पंचायतों के लिए 31 अगस्त तक ग्राम रक्षकों का चयन करेंं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये ग्राम रक्षक पुलिस और जनता के बीच सेतु का काम करेंगे, जिससे पुलिस के प्रति आमजन में विश्वास और बढे़गा। साथ ही पुलिस को सहयोग और आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी निगरानी में मदद मिल सकेगी। मुख्यमंत्री गुरूवार को अनलॉक-3 तथा कोविड-19 संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
जुलाई माह में मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम
गहलोत ने कहा कि कोरोना से प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। जुलाई माह में मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम रही है। हमारा पूरा प्रयास है कि रिकवरी दर लगातार बढे़ और मृत्यु दर नगण्य स्तर तक लाएं।
प्रभारी सचिव 31 अगस्त से जिलों के दौरे पर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिलों में कोविड-19 महामारी की और बेहतर मॉनिटरिंग के लिए प्रभारी सचिव 31 अगस्त से दो दिन के दौरे पर जाएं और वहां सभी व्यवस्थाओं का जायजा लें। वे अपने इस दौरे में जागरूकता अभियान, चिकित्सा संसाधनों की स्थिति, प्लाजमा थैरेपी सहित अन्य व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा करें और आवश्यकताओं के संबंध में राज्य सरकार को अवगत कराएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उन जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाए, जिनमें जुलाई माह में अधिक पॉजिटिव केस सामने आए हैं।
गहलोत ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में आईसीएमआर की अनुमति के साथ जल्द से जल्द प्लाज्मा थैरेपी शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा डोनेट करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि जयपुर, जोधपुर, कोटा एवं उदयपुर के बाद अब बीकानेर में भी प्लाज्मा थैरेपी की शुरूआत हो गई है। बैठक में बताया गया कि आगामी 15 अगस्त तक अजमेर में भी प्लाज्मा थैरेपी प्रारम्भ करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 से बचाव के लिए लाउडस्पीकर के माध्यम से जागरूकता फैलाने पर जोर देते हुए कहा कि इस सिस्टम को प्रभावी रूप से लागू करें। स्थानीय बोली में ऎसे संदेश आमजन तक फैलाएं, जिसे वे आसानी से समझ सकें। इस कार्य में पीसीआर वैन, कचरा एकत्र करने वाली गाड़ियों एवं अन्य वाहनों का भी उपयोग किया जा सकता है।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में लगातार टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि अब तक हम 45 हजार टेस्ट प्रतिदिन की क्षमता हासिल कर चुके हैं।
बैठक में मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक अपराध एमएल लाठर, अति. मुख्य सचिव खान सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, सचिव वित्त टी. रविकान्त, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, शासन सचिव आपदा प्रबंधन सिद्धार्थ महाजन, सचिव खाद्य आपूर्ति हेमन्त गेरा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।