प्रजा दत्त डबराल @ देहरादून उत्तराखंड
26 जुलाई 2020 को श्रीनगर गढ़वाल में उत्तराखंड के महानायक शहीद श्री देव सुमन की पुण्यतिथि पर हिमालय बचाओ आंदोलन की ओर से उन्हें भाव भिनी श्रंदाजली दी गई।
इस अवसर पर उपस्थित गढ़वाल विश्वविद्यालय आंदोलन से जुड़े रहे जगदम्बा रतूड़ी ने कहा कि श्रीदेव सुमन एक ऐसे नायक थे जिन्होंने सदा जनता की आवाज और उनके हकों के लिए संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ़ आशाराम डंगवाल जी ने कहा कि श्रीदेव सुमन की शहादत को हमेशा याद किया जाता रहेगा।उनका बलिदान बेकार नहीं जाएगा आज कि पीढ़ी को उनके संघर्ष से सीखने की जरूरत है।
प्रोफ़ेसर एस एस रावत ने श्री देव सुमन केव्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के भूगोल के प्रोफेसर मोहन सिंह पंवार ने कहा कि श्री देव सुमन को जिस जेल में रखा गया वह भिलंगना नदी के तट पर थी और उस के निकट ही हमारा गांव था और हम जेल की कोठरी में उस को अक्सर देखने जाते थे जहां श्री देव सुमन को यातनाएं दी गई। बचपन ये बड़ी रोचक और रहस्यमय लगता था।
इस अवसर पर डा. अरविंद दर्मोड़ा ने कहा कि श्रीनगर गढ़वाल में इस प्रकार के आयोजन करने का प्रमुख उद्देश्य नई पीढ़ी को श्रीदेव सुमन की सहादत की समझ विकसित करना है।
इस अवसर पर गंगा से वा समिति के अध्यक्ष प्रेम वल्लभ नैथानी ने अपने असीर्वचन स्वरूप आयोजकों को इस प्रकार के कार्यक्रमों को करने की बधाई देते हुए अपनी सुभकामना प्रेषित की।
समीर रतूड़ी ने श्रीदेव सुमन के जीवन संघर्ष के बारे में चर्चा करते हुए सभी को धन्यवाद दिया।