संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने शोध का फायदा गांव- गांव तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिक अकादमिक, उद्योगपतियों और सरकार को साथ मिलकर प्रयास करने की जरूरत बताई है। मंत्री सखलेचा सोमवार को सी.एस.आई.आर का निरीक्षण करने के बाद वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा सी.एस.आई.आर और ए.एम.पी.आर.आई के वैज्ञानिकों से चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर डायरेक्टर अवनीश श्रीवास्तव, प्रिंसपल जे.पी. शुक्ला और एस.के.एस. राठौर भी उपस्थित थे।
मंत्री सखलेचा ने कहा कि यह संस्थान पिछले 40 वर्षों से देश एवं विज्ञान के विकास में काफी योगदान दे रहा है चाहे वह ग्रामीण विकास हो या औद्योगिक विकास। साथ ही आज की भयावह पर्यावरणीय समस्याओं के निदान में भी यह संस्थान विशिष्ट योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास में भी राष्ट्र के साथ-साथ विशेष रूप से प्रदेश के विद्यार्थियों, श्रमिकों एवं सामान्य जन को कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है एवं विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। कोविड-19 के निदान के लिए भी संस्थान ने सार्थक प्रयास किये हैं। मैं इन सारे प्रयासों के लिए इस संस्थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धन्यवाद देता हूँ।
प्रौद्योगिकी मंत्री सखलेचा ने कहा कि संस्थान ने विगत एक वर्ष में 5 से अधिक प्रौद्योगिकियाँ विकसित कर मध्य प्रदेश स्थित औद्योगिक संस्थाओं को हस्तानांतरित की है तथा स्टार्टअप्स को भी सहयोग प्रदान किया है, इससे प्रदेश के विकास में सहयोग मिलेगा। संस्थान ने मध्यप्रदेश के मानव संसाधन विकास में भी पीएच.डी. छात्रों को मार्गदर्शन दे कर, कौशल उन्नयन के द्वारा 700 से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण दिया है। जिज्ञासा कार्यक्रम के द्वारा 40,000 से अधिक विद्यालयीन छात्रों को मार्गदर्शन देकर सहयोग किया है। यहाँ प्रशिक्षित विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में नौकरियां प्राप्त हुई हैं यह भी संतोषजनक है।
ग्रामीण एवं सामाजिक विकास में भी संस्थान के कार्य की प्रशंसा करते हुए सखलेचा ने कहा कि रायसेन जिले में वाटरशेड मैनेजमेंट एवं पातालकोट के आदिवासियों के जीवन स्तर को उठाने में विभिन्न प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया गया है। कोविड-19 के सन्दर्भ में भी प्रौद्योगिकी विकसित कर लोगों को इससे लाभान्वित किया है। मेकशिफ्ट क्लिनिक का निर्माण, जय प्रकाश चिकित्सालय, भोपाल में किया जा रहा है, इससे कोविड-19 से लड़ने में प्रदेश को सहयोग प्राप्त होगा। मध्य प्रदेश स्थित संस्थानों के साथ एम.ओ.यू. कर शोध कार्य करने से प्रदेश के विकास में सहयोग मिल रहा है।
संस्थान के निदेशक ने बताया कि लोकव्यापीकरण के लिए विज्ञान भारती एवं संस्थान द्वारा भोपाल विज्ञान मेला-2019 में मध्य प्रदेश के 50,000 से ज्यादा लोगों ने भाग लेकर लाभ उठाया जिसमें देश की 60 से ज्यादा राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं ने सीएसआईआर के 12 संस्थानों ने भी अपने उत्पाद, तकनीक एवं कौशल का प्रदर्शन किया गया था। सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों के उत्कृष्टता संस्थान की स्थापना हेतु डॉ. शुक्ला द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया।