शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

पांच दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन गुरुग्राम में हुआ...

 संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) द्वारा ‘प्रशासकों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन आज गुरुग्राम में हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम सौर ऊर्जा और धान पुआल (पराली) जैसे बायोमास के आर्थिक उपयोग पर केंद्रित था।

हिपा के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम का आयोजन नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग और हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण (हरेडा) के सहयोग से किया गया था। कार्यक्रम में भारत सरकार और हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों के 60 अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, हरेडा, एचवीपीएन, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सिंचाई एवं जल संसाधन, शहरी स्थानीय निकाय, वास्तुकला, उच्चतर शिक्षा, पंचायती राज, जेल  विभाग, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार,  इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज शामिल हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अक्षय ऊर्जा (आरई) विकल्प, क्षमता और सीमाएं तथा पारंपरिक स्रोतों के साथ आज अक्षय ऊर्जा एक व्यवहार्य विकल्प क्यों है, जैसे विषयों को कवर किया गया। ऊर्जा सुरक्षा, सामाजिक-आर्थिक पहलू जैसे रोजगार सृजन, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में स्थानीय समाधान जैसे विषयों पर चर्चा की गई। इसके अलावा, अक्षय ऊर्जा की स्थिति, बाजार के रुझान, प्रौद्योगिकी की परिपक्वता और भविष्य की क्षमताओं पर भी विचार-विमर्श किया गया।

उन्होंने बताया कि वक्ताओं ने आरई पॉलिसी, मूल्य निर्धारण, विनियामक और गैर नियामक पहलुओं, सौर प्रौद्योगिकी (फोटो वोल्टाइक, लिथियम आयन बैटरियों, इनवर्टर, चार्ज कंट्रोलर्स, पावर कंट्रोलर्स) पर विस्तार से अपने विचार रखे। अधिकारियों को सोलर थर्मल टेक्नोलॉजी, केंद्रित सौर ऊर्जा, हाइब्रिड मॉडल अवगत करवाया गया।

प्रवक्ता ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान कृषि में सौर एपलिकेशन का उपयोग, स्वास्थ्य देखभाल, ग्रामीण विकास, पोर्टेबल ड्रिंकिंग वॉटर, अलवणीकरण संयंत्रों, रूफ टॉप सोलर प्लांट्स, सोलर पार्क, सोलर ई मोबिलिटी (इलेक्ट्रिक वाहन), कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के लिए सोलर कोल्ड स्टोरेज और उच्च सामाजिक प्रभाव परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा, आरई फाइनेंसिंग, प्रोजेक्ट फॉर्म्युलेशन एंड कॉन्ट्रैक्चुअल आस्पेक्ट्स, एनर्जी एफिशिएंसी, नेट जीरो बिल्डिंग्स और ग्रीन बिल्डिंग पर भी विचार-विमर्श किया गया।

उन्होंने बताया कि दक्षिण हरियाणा में लिफ्ट सिंचाई के लिए सौर एपलिकेशन के उपयोग की संभावना, कैनाल टॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी जल आपूर्ति योजनाओं में सौर ऊर्जा के उपयोग पर भी चर्चा की गई। विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों, अन्य राज्यों, निजी क्षेत्रों के प्रख्यात अतिथि वक्ताओं ने अक्षय ऊर्जा के विस्तार, उनके अनुप्रयोगों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर अपने अनुभव सांझा किए।

हरियाणा के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी. एस. ढेसी ने विदाई भाषण दिया और ‘लॉ कार्बन डिपेंडेंट ग्रिड’ की दिशा में बढऩे की आवश्यकता पर जोर देते हुए हिपा की सराहना की।

हिपा की महानिदेशक श्रीमती सुरीना राजन ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। उन्होंने इस संबंध में हिपा द्वारा तैयार की गई भविष्य योजना की रूपरेखा की जानकारी दी, जिसमें आरई क्षेत्र पर 3 सप्ताह का व्यावसायिक पाठ्यक्रम विकसित करना और हरियाणा के आरई उद्यमियों के लिए एक विशेष कार्यक्रम विकसित करना शामिल है।