शनिवार, 26 दिसंबर 2020

श्रीमद् भगवद् गीता युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रमुख स्रोत : मुख्यमंत्री

 संवाददाता चंडीगढ़ हरियाणा 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार कहा कि श्रीमद् भगवद् गीता युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रमुख स्रोत है। यह पवित्र ग्रंथ न केवल मानव जाति को सही रास्ता दिखाता है बल्कि उनमें नैतिक मूल्यों का भी समावेश करता है ताकि वे राष्ट्र निर्माण में प्रभावी योगदान दे सकें। 

मनोहर लाल शुक्रवार चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव -2020 में आयोजित ग्लोबल गीता जाप कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्य भर से विभिन्न स्कूलों के 55,000 विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से 18 श्लोकों (भगवद गीता के 18 अध्यायों में से एक-एक) का पाठ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि का दिन कई मायनों में अनूठा है क्योंकि हम न केवल अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मना रहे हैं बल्कि दो महान हस्तियों महामना पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिवस भी मना रहे हैं। इसके अलावा, आज लोग क्रिसमस भी मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और छात्रों के अलावा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी आज इस कार्यक्रम से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि गीता की सकारात्मक ऊर्जा के रूप में अपनी प्रासंगिकता है और गीता के श्लोकों से निकलने वाली तरंगें युवाओं के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं और उन्हें जीवन में सही रास्ता चुनने में सहायता करती हैं। इसी राह पर चलते हुए हरियाणा  सरकार छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करती है ताकि वे अपने जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में श्रीमद् भगवद् गीता का संदेश दिया था जो अब हमारे जीवन का सार बन गया है। 

मनोहर लाल ने कहा कि महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, वल्लभ भाई पटेल, नेता जी सुभाष चंद्र बोस जैसी देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाली विभिन्न महान हस्तियों ने भी अपने जीवन में गीता के उपदेशों का पालन किया और देश को स्वतंत्रता दिलाई। उन्होंने कहा कि इस पवित्र ग्रंथ की शिक्षाएं आधुनिक समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।

उन्होंने कहा कि 31 साल पहले 1989 में गीता जयंती केवल राज्य स्तर पर मनाई गई तत्पश्चात, इसका आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर किया गया। 2016 के बाद से राज्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गीता जयंती का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में श्रीमद् भगवद् गीता की शिक्षाओं के प्रचार के लिए मॉरीशस और ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का भी आयोजन किया गया । उन्होंने कहा कि इसी तरह का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में भी होने वाला था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव डिजिटल माध्यम से आयोजित किया जा रहा है ताकि दुनिया के हर कोने में श्रीमद् भगवद् गीता के उपदेशों को प्रसारित करने के उद्देश्य को प्राप्त कर सकें। उन्होंने कुरुक्षेत्र के अलावा 48 कोस के भीतर स्थित तीर्थ स्थलों पर भी कार्यक्रम आयोजित करने पर आयोजकों को बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य में संस्कृत भाषा के विकास और विभिन्न धार्मिक ग्रंथों को आसान भाषा में अनुवादित करने के लिए जिला कैथल के मुंदडी में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की है ताकि लोगों को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, राज्य में चलाए जा रहे संस्कृत गुरुकुलों के और प्रसार की दिशा में भी कार्य कर रहा है।

इससे पहले, इस अवसर पर कुरुक्षेत्र में उपस्थित गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की इस पवित्र भूमि पर श्रीमद् भगवद् गीता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के सहयोग से कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड (केडीबी) पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन कर रहा है, लेकिन कोविड-19 के कारण इस वर्ष समारोह का आयोजन भव्य स्तर पर नहीं किया जा सका। हालांकि, ऑनलाइन माध्यम से लाखों लोग इस कार्यक्रम से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि आज राज्य के सभी 22 जिलों के 55,000 स्कूली विद्यार्थियोंं ने सामूहिक रूप से भगवद गीता के 18 श्लोकों का पाठ किया। उन्होंने कहा कि दो साल पहले, 18,000 से अधिक स्कूली विद्यार्थियों ने कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान गीता के 18 अध्यायों में से 18 श्लोकों का एक साथ पाठ कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, मुंदड़ी के कुलपति, डॉ श्रेयांश द्विवेदी ने राज्य में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केडीबी को धन्यवाद दिया।

खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह कुरुक्षेत्र से कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। चंडीगढ़ से मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, राज्यपाल की सचिव अनुपमा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव अमित कुमार अग्रवाल और आशिमा बराड़ भी कार्यक्रम में शामिल हुए।