संवाददाता : जयपुर राजस्थान
चिकित्सा व स्वास्थ्य तथा सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार दो साल में प्रदेश के हर वर्ग की उम्मीदों पर खरी उतरी है। सरकार ने जन घोषणा पत्र में जो वादे किए थे, उनमें से आधे से अधिक वादे पूरे किए जा चुके है। जन घोषणा में किए गए वादों को सरकार पूरा कर रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगलवार को नागौर के जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि हम समाज के प्रत्येक वर्ग को केन्द्र में रखकर जन हितैषी काम कर रहे हैं। पूरे देश ने देखा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए शानदार प्रबन्धन किया है। हमने चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतरीन काम तो किया ही साथ ही मानवता की सेवा के लिए ना किसी को भूखा सोने दिया और ना ही किसी प्रवासी श्रमिक को पैदल चलने दिया। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने सड़कों पर पैदल चलने वाले श्रमिकों को शेल्टर होम में ठहराया और उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक भी पहुंचाया।
कोरोनाकाल में हुई नागरिकों की मृत्यु के बाद उनके अस्थि विसर्जन हेतु रोडवेज की व्यवस्था हरिद्वार तक की गई। साथ ही पश्चिम बंगाल तक के मजदूरों को भी परिवहन साधनों से छोड़ा गया है। राज्य सरकार द्वारा बेसहारा, कचरा बीनने वाले आदि जरूरतमंद 1 लाख 57 हजार नागरिकों को जो किसी भी योजना के दायरे में न हो या स्कीम कवरेज में न आए हैं, उन्हें भी खाद्यान्न उपलब्ध करवाया गया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में दो वषोर्ं में कोरोना प्रबंधन सहित विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य किया है। प्रदेश में कोरोना बीमारी की शुरूआत में कोविड-19 की जांच का अभाव था। उस समय सैंपल जांच के लिए बाहर भेजे जाते थे। राज्य सरकार ने आपदा को अवसर में बदलते हुए अपनी टेस्टिंग क्षमता और चिकित्सा व्यवस्था को जबरदस्त रूप से सुद्वढ किया। आज राजस्थान में प्रतिदिन 60 हजार टेस्टिंग करने की क्षमता है। इसे शीघ्र ही एक लाख टेस्ट प्रतिदिन करने तक विस्तारित किया जाएगा।
राज्य में आरटीपीसीआर तकनीक से जांच की जा रही है। यह जांच विश्वसनीय है। लॉकडाउन एवं अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान राजस्थान में हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है। संक्रमण रोकने का भीलवाडा मॉडल सबके लिए प्रेरणादायक रहा।
डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रारम्भिक अवस्था से ही रेपिड रेस्पोंस टीमों का गठन किया गया। इससे कोरोना मरीजों को समय पर उपचार संभव हो पाया। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित कोविड मेनेजमेंट एवं ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की प्रत्येक स्तर पर सराहना की गई। राज्य में पहली बार चार दवाओं के कॉम्बिनेशन से कोरोना के उपचार का मार्ग प्रशस्त किया गया। प्लाज्मा थैरेपी आरम्भ होने से कई जीवन बचाना संभव हो पाया। राज्य सरकार ने कोरोना के उपचार में किसी प्रकार की संसाधन की कमी नहीं आने दी।
मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना में स्वीकृत दवाओं के अलावा 40 हजार तक की राशि के इंजेक्शन निःशुल्क उपलब्ध करवाए गए। इन्हें प्रत्येक स्तर पर भेजा गया है ताकि कोरोना मरीज की जान बचाई जा सके। उन्होंने कहा कि अभी भी कोरोना का खतरा टला नहीं है। इसके नए रूप में सामने आने की आशंका है। इसलिए इससे बचाव आवश्यक है। सरकार की प्राथमिकता कोरोना से होने वाली जनहानि को रोकना है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजकीय चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। लिक्विड ऑक्सीजन के प्लांट भी लगाए गए। नागौर जिला मुख्यालय पर ऑक्सीजन प्लांट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। जिले में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डर, बैैड, आईसीयू बैड तथा वेंटीलेटर उपलब्ध है। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण ही हमारी रिकवरी दर शानदार है। साथ ही मृत्युदर भी सबसे कम है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 में राजस्थान सरकार द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में आधारभूत ढांचा विकसित किया गया है ।
सरकारी व निजी अस्पतालों को इस द्वष्टि से तैयार किया गया तथा जहां पहले जांच की कीमत 4000 प्राइवेट अस्पतालों में लगती थी उसे राज्य सरकार द्वारा 800 किया गया और सरकारी अस्पतालों में तो इसकी निशुल्क जांच होती है। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राजस्थान में 15 नए मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति दी गई जिसमें नागौर भी एक है। नागौर में मेडिकल कॉलेज बनने के बाद यहां के जिला अस्पतालों में नागौर के जिला अस्पताल में भी बैड की संख्या 300 से बढ़कर 500 बैड हो जाएगी। साथ ही अनेक सब सेंटर, उप स्वास्थ्य केंद्र खोले गए। मंत्री ने बताया कि कोविड-19 काल में 735 व हाल ही में 2000 डॉक्टरों की नियुक्ति दी गई जिसमें से 119 डॉक्टर नागौर जिले में पद स्थापित किए गए। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा 12000 जीएनएम व एएनएम की पोस्टिंग दी गई।
प्रेस कांफ्रेंस में कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा किसानों की कर्जा माफी सहित कई ऎसे निर्णय हैं जो राज्य सरकार ने तय समय सीमा में पूरे किए हैं। कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के कल्याण को लेकर कर्ज माफी, कृषि कनेक्शन, गौण मंडी विकसित करने व राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 लागू करने सहित विभिन्न तरह के काम किए। वहीं पशुओं के लिए निशुल्क दवा वितरण, टीकाकरण, नस्ल संवद्र्धन से लेकर ईनाफ टैगिंग सहित मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबंल योजना संचालित कर विभिन्न पशु एवं पशुपालक कल्याणकारी काम किए।
जिला दर्शन पुस्तिका का विमोचन
चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री तथा जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा एवं कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया व जिला प्रभारी सचिव डॉ. वीना प्रधान ने मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला प्रशासन व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित ‘‘नागौर जिला दर्शन पुस्तिका‘‘ का विमोचन किया।
नागौर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि पुस्तिका में विभिन्न विभागों द्वारा दो वषोर्ं में कराए गए विकास कायोेर्ं को स्थान दिया गया है। इसके तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, कोरोना बचाव महाअभियान, महिला एवं बाल विकास, सहकारिता, कृषि व सिचांई विभाग, पंचायती राज विभाग, शिक्षा, पेयजल, पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सहित अन्य विभागों व नागौर जिला प्रशासन द्वारा किए गए नवाचारों में मिली सफलताओं का उल्लेख किया गया है।
इस अवसर पर डीडवाना विधायक चेतन डूडी, जायल विधायक डॉ मंजू मेघवाल, नागौर जिला प्रमुख भागीरथ राम, पुलिस अधीक्षक श्वेता धनकड, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी, नागौर पंचायत समिति की प्रधान सुमन मौजूद थे।