बुधवार, 23 दिसंबर 2020

मध्यप्रदेश में सही मायनों में होना चाहिए "ईज ऑफ डूईंग बिजनेस"...

 संवाददाता: भोपाल मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में सही मायनों में 'ईज ऑफ डूईंग बिजनेस' होना चाहिए तथा 30 दिन में उद्योग प्रारंभ करने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाहियां एवं अनुमतियां निवेशक को प्राप्त हो जानी चाहिए। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में निवेश स्थापना में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। सभी संबंधित विभाग इस संबंध में तत्परता के साथ कार्यवाही करें।

मुख्यमंत्री चौहान अपने निवास पर 'ईज ऑफ डूईंग बिजनेस' के संबंध में संबंधित विभागों की बैठक ले रहे थे। बैठक में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन दत्तीगांव, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, सचिव एम.पी.आई.डी.सी. जॉन किंग्स्ले, संचालक एम.एस.एम.ई भास्कर लक्षाकार आदि उपस्थित थे।

'सिंगल विण्डो' एवं 'सिंगल टेबल' की तरह न हो काम

मुख्यमंत्री चौहान ने स्पष्ट रूप से कहा कि पूर्व में उद्योगों को विभिन्न अनुमतियां दिए जाने के लिए बनाए गए 'सिंगल विण्डो' तथा 'सिंगल टेबल' सिस्टम की तरह काम नहीं होना चाहिए। इनके अंतर्गत निवेशकों को शासकीय अनुमतियां मिलने में काफी समय लग जाता था। निर्धारित समयावधि 30 दिन में ही निवेशकों को सारी अनुमतियां मिल जानी चाहिए।

फीडबैक का सिस्टम बनाएं

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि उद्योगों को नियत अवधि में अनुमतियां मिल रहीं हैं अथवा नहीं, इसकी जानकारी के लिए फीडबैक सिस्टम बनाया जाए, जिससे कार्य सुनिश्चित किया जा सके।

लोक सेवा गांरटी अधिनियम से जुड़ेंगी ये सेवाएं

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उद्योगों को 30 दिन की अधिकतम समय सीमा में अनुमतियां दिए जाने के लिए विभिन्न सेवाओं की पृथक्-पृथक् समयावधि निर्धारित की जाए। साथ ही इसे लोक सेवा गारंटी अधिनियम के साथ जोड़ा जाए, जिससे समयावधि में कार्य न होने पर जिम्मेवार व्यक्ति के विरूद्ध अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही हो सके।

250 बिन्दुओं पर भारत सरकार को दी गई जानकारी

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के संबंध में मध्यप्रदेश की कार्ययोजना के 250 बिन्दुओं पर भारत सरकार को जानकारी भेज दी गई है तथा भारत सरकार द्वारा उन पर सहमति भी व्यक्त की गई है।