संवाददाता : लख़नऊ उत्तरप्रदेश
थानों में तैनात रहने वाले ड्राइवर व फॉलोवर पुलिस की छवि खराब करने में लगे हैं। समीक्षा में पाया गया कि पुलिस विभाग में सर्वाधिक भ्रष्टाचार के मामले इन्हीं दो पदों से सामने आ रहे हैं। लिहाजा विकास दुबे बिकरू कांड के बाद जोन स्तर पर सभी थानों में तैनात ड्राइवर व फॉलोवर का कार्यकाल एक वर्ष से अधिक नहीं होगा।
इसके लिए सीओ स्तर से हर माह समीक्षा भी की जाएगी। किसी भी रूप में थाने में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा। यह बात एडीजी जोन कानपुर जय नारायण सिंह ने पुलिस लाइन में त्रैमासिक अपराध समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से कहीं। उन्होंने एसएसपी समेत सभी पुलिस अधिकारियों के साथ पंचायत चुनाव में हिंसा रोकने के लिए समीक्षा बैठक भी की। जिसमें निर्देश दिए कि ऐसे सभी गांवों को चिन्हित किया जाए, जहां पिछले पंचायत चुनाव अथवा किसी भी चुनाव में हिंसा हुई है। पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में जल्द ही संभावित प्रत्याशी भी सामने आ जाएंगे।
समय रहते पुलिस को सारी तैयारियों को पूरा करना है,। ज्यादा जरूरी है कि इटावा, औरैया जैसे संवेदनशील जिले में पुलिस की तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जाएं।उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बिकरू कांड के बाद यह साफ हुआ है कि पुलिस महकमे में एक ही जगह पर लंबे समय तक तैनात रहने वाले लोगों का तबादला जरूरी है। विशेष तौर पर थानों में तैनात ड्राइवर व फॉलोवर इस मामले में कमजोर कड़ी साबित हुए हैं।
उन्होंने इटावा पुलिस द्वारा अंतर्राष्ट्रीय व अंतरराज्यीय दो प्रमुख मामलों का खुलासा करने पर टीम को बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए डीजीपी प्रशंसा पत्र की स्वीकृति भी निश्चित रूप से की जाएगी। एआरटीओ से जुड़े मामले में विभागीय लोगों की संलिप्तता पर उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे वह कोई भी हो, उसके खिलाफ अपराधी की तरह ही कार्रवाई की जाएगी। इससे पूर्व उन्होंने पुलिस लाइन में कंप्यूटर कक्ष, मुख्य प्रवेश द्वार समेत विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया।