शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

ट्राइब्स इंडिया द्वारा उपहार आवश्यकताओं के लिए विविध तथा आकर्षक उत्पाद विस्तार के प्रयास जारी...

 संवाददाता : नई दिल्ली

जनजातियों, दस्तकार और उत्पादक दोनों, की आजीविका तथा सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने तथा जनजातीय उत्पादों को समर्थन प्रदान करने के काम को प्रोत्साहित करने के काम में लगी राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के मिशन के अनुरूप ट्राइब्स इंडिया अपने आउटलेटों से तथा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर ऑनलाइन बिक्री से उत्पादन श्रृखला के विस्तार का काम जारी रखे हुए है। ‘हमारे घर से आपके घर’ अभियान के माध्यम से अपनी उत्पाद श्रृंखला को बढ़ाने के साप्ताहिक प्रयास के अतिरिक्त ट्राइब्स इंडिया अब वन स्टाप उपहार स्थल हो जाएगा। कल सभी उपहार आवश्यकताओं के लिए वन स्टॉप स्थान ट्राइब्स इंडिया को लॉन्च करने के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर ट्राइब्स इंडिया के सभी 126 आउटलेटों तथा ऑनलाइन प्लटफॉर्मों पर आकर्षक और उपभोक्ता योग्य अनूठे उत्पादों के उपहार पैक लॉन्च किए गए। वेबिनार में ट्राइफेड अधिकारियों के अतिरिक्त जानी-मानी डिजाइनर रीना ढाका, मासूम रिजवी, विंकी सिंह तथा अनेक जनजातीय दस्तकार तथा देशभर के सप्लायरों ने भाग लिया।

जनजातीय दस्तकारों को पैनल में शामिल करने के अधिक अवसर प्रदान करने तथा उनके कौशल और उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइफेड प्रमोशन तथा डिजाइन डेवलेपमेंट के लिए जाने-माने डिजाइनरों के साथ सहयोग कर रहा है। विशेष श्रृंखला में 200 से अधिक उत्पाद हैं। इन उत्पादों में विभिन्न प्रकार के मोहक शहद, कैंडीज, मसाले, ड्राइ फ्रूट्स, पेंटिंग, धातु शिल्प बास्केट, मास्क और फर्नीचर भी शामिल हैं। बजट और आवश्कता के अनुसार इन उत्पादों का मेल आकर्षक गिफ्ट पैकों में किया जा सकता है।

तेजी से बदल रहे विश्व में, जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी के विकास ने जड़ जमा ली है और जीने की पुरातन स्वदेशी पद्धतियां अतीत की बात हो गई हैं, वहीं भारत में अभी भी 200 से अधिक जनजातीय समुदाय हैं। जनजातीय दस्तकार/शिल्पकार अपनी कला तथा अपने समुदाय की परंपरा को संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। 

जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइफेड इन सुविधाहीन लोगों के उत्पादों के संवर्धन और विपणन के लिए ट्राइब्स इंडिया नेटवर्क (126 स्टोर तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म– www.tribesindia.com) के माध्यम से उनके उत्पादों का प्रोत्साहन और विपणन करके उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि इन समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो और उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाया जा सके।