रविवार, 28 फ़रवरी 2021

लोरमी क्षेत्र में प्रशासन से साहूकारी का लाइसेंस लिए बगैर ही ब्याज में पैसा देने का अवैध धंधा सामने आया...

संदीप सिंह ठाकुर @ मुंगेली छत्तीसगढ़

मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र में प्रशासन से साहूकारी का लाइसेंस लिए बगैर ही ब्याज में पैसा देने का अवैध धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। बावजूद इस पर प्रशासन नकेल नही कस पा रही है। ताजा मामला मुंगेली जिले का सामने आया है जहां लोरमी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोड़खाम्ही गांव के सायकल स्टोर संचालक सूदखोर मंजीत पिता अमरिक उबेजा उर्फ बंटी के खिलाफ बीते डेढ़ महीने पहले शिकायत के बाद भी आजतक पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके चलते अब पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहा है. आपको बता दें कि इस मामले की शिकायत को लेकर लोरमी के तात्कालिक थाना प्रभारी आलोक सुबोध समेत एसडीओपी नवनीत कौर छाबड़ा मीडिया में बयान देने से बच रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नही होगा कि इन पुलिस अधिकारियों के संरक्षण के चलते ही कोई आरोपी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नही हो रही है। 

वही इसको लेकर डेढ़ माह बीत जाने के बाद शिकायतकर्ता बद्री साहू समेत अन्य सूदखोर की चंगुल में फंसे चार पीड़ितों ने मुंगेली एसपी कार्यालय पहुंचकर सूदखोर के खिलाफ जांच के बाद जल्द ही एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।

मामले में पीड़ित बद्री प्रसाद साहू ने बताया कि 4 मई 2016 को पांच लाख रुपए ब्याज में पैसा लिया था. जिसके एवज में सूदखोर मंजीत उबेजा को पांच लाख रुपए ब्याज की राशि जमा कर दिया हूँ. जिसके बाद भी मुख्यमार्ग में स्थित मेरे जमीन को रजिस्ट्री करा लिया है जिस जमीन की वर्तमान में अनुमानित कीमत 45 लाख रुपए है. जिसमे साढ़े चार डिसमिल जमीन को लोरमी निवासी भागवत जायसवाल के पास साढ़े दस लाख रुपये में बेचकर उस पैसे को सूदखोर हजम कर लिया है। बावजूद इसके शेष जमीन को भी हड़प लिया गया है. और कहता है की जब बत्तीस लाख रुपए मुझे ब्याज की राशि तुम दोगे तब तुम्हारी जमीन लौटाऊंगा।

इस पूरे मामले में सवाल यह उठता है कि जब सूदखोर के खिलाफ साक्ष्य संबंधित दस्तावेज के सांथ नामजद शिकायत की गई है तो आज डेढ़ महीने तक पुलिस के द्वारा एफआईआर दर्ज क्यो नही की गई। वही इस शिकायत को लेकर डेढ़ माह बीत जाने के बाद आज लोरमी थाने में मौजूद एसडीओपी नवनीत कौर छाबड़ा से अब तक किये गए कार्रवाई को लेकर स्थानीय पत्रकार ने सवाल किया तो उन्होंने बाइट देने से साफ इंकार कर दिया. इस दौरान उन्होंने पत्रकार को ही नसीहत देते हुए कहा कि कहा कि यह बाइट देने जैसा मामला नही है. कोई मर्डर का मामला थोड़ी है जो बाइट दें. तो वही थाना प्रभारी आलोक सुबोध ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि शिकायत पर धारा 155 के तहत फैना देते हुए कार्रवाई की गई है. सांथ ही उन्हें कोर्ट जाने का सलाह दिया गया है. जबकि मामला साहूकारी से जुड़ा हुआ है।

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि यह सूदखोरी है कि नही इसको कोर्ट डिसाइड करेगा. क्योकि लोग बाग पुलिस पर भरोसा नही कर रहे हैं कोर्ट पर ज्यादा यकीन है इसलिए हमलोग उन्हें कोर्ट जाने की सलाह दिये हैं। इधर इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता बद्री साहू ने लोरमी पुलिस पर आरोपी सूदखोर को बचाने का प्रयास करते हुए फैना की कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. जिसको लेकर पीड़ितों के द्वारा प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को निष्पक्ष जांच कराकर न्याय की गुहार लगाते हुए ज्ञापन सौपा गया. जहां मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री ने तत्काल जिले के पुलिस अधिकारी को उचित कार्रवाई करने निर्देशित किया है।

आपको बता दें पीड़ित बद्री साहू के द्वारा मुंगेली एसपी कार्यालय में किए गए शिकायत में रजिस्ट्री जमीन के दस्तावेज, व्हाट्सएप में भेजे गए हिसाब की कॉपी, तगादा करने संबंधी कॉल एवं अन्य ऑडियो रिकॉर्डिंग का मेमोरी कार्ड जमा किया गया है. इसके बाद भी अधिकारियों के द्वारा मामले में पर्याप्त साक्ष्य नही होने की बात कही जा रही है। बहरहाल देखना होगा कबतक शिकायत पर दोषी सूदखोर के खिलाफ कार्रवाई होती है।