गुरुवार, 11 मार्च 2021

हरियाणा सरकार ने प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया...

 संवाददाता चंडीगढ़ हरियाणा 

हरियाणा सरकार ने प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस अभियान की शुरुआत की।मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों के मामलों में अपराधी के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे हैं। हम इस बात के लिए गंभीरता से प्रयासरत हैं कि महिलाओं के प्रति अपराधों पर अंकुश लगे।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम से प्रदेशभर में आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित प्रतिभागियों को भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित किया।इस मौके पर शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा, मुख्य सचिव विजय वर्धन, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डॉक्टर राकेश गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉक्टर अमित अग्रवाल, उप प्रधान सचिव आशिमा बराड़, महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश को कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त करने के लिए अभियान की शुरुआत करने के साथ ही प्रदेश में सरकारी प्ले स्कूल खोलने की दिशा में काम करते हुए प्रदेश में 30 मॉडल क्रेच की विधिवत शुरुआत की। मोबाइल क्रेच की भी शुरुआत की गई।

मोबाइल क्रेच के माध्यम से प्रदेश में 500 मॉडल क्रेच स्थापित किये जायेंगे।

अभी तक प्रदेश में महिलाएं सहायता के लिए हेल्प लाइन नम्बर 181 पर काल कर सकती थीं। आज मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा को और पुख्ता बनाने के लिए व्हाट्सएप नम्बर की भी शुरुआत की। अब इमरजेंसी में प्रदेश की महिलाएं 9478913181 नम्बर पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी शिकायत कर सकती हैं।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में कार्यक्रमों में उपस्थित महिला शक्ति एवं अन्य लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए हरियाणा सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिला कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित किये गए हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आज बड़ी चिंता केवल महिलाओं की सुरक्षा ही है। महिलाओं के प्रति अत्याचार के मामलों से निपटने के लिए सख्त कानून बनाये गए हैं। कानून अपना काम करता ही है।अपराधों पर केवल कानून से ही नियंत्रण नहीं किया जा सकता। ऐसे अपराधों पर संस्कारों और सुविचारों से भी काफी हद तक अंकुश लग सकता है। उन्होंने कहा कि मां से बढक़र कुछ नहीं। मां है तो सब कुछ है। उन्होंने अपना संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मेरी मां ने मुझे सपोर्ट न किया होता तो आज मैं यहां न होता।

इससे पूर्व महिला एवं वाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा में कहा कि महिलाओं के कल्याण के लिए हरियाणा सरकार ने बहुत अच्छे कदम उठाए हैं। हरियाणा देश का पहला राज्य है जो सबसे पहले केरोसिन मुक्त हुआ है। यह यशस्वी मुख्यमंत्री मनोहर लाल की योजना और जनहितैषी सोच के चलते ही सम्भव हो पाया है। हरियाणा में केंद्र सरकार की योजना से 820572 निशुल्क घरेलू गैस कनेक्शन दिए गए। इससे महिलाओं को रसोई में चूल्हे के धुएं से निजात मिली है।मुख्य सचिव विजय वर्धन ने बड़े ही भावुक शब्दों के साथ महिला शक्ति को नमन किह। उन्होंने अपने भावों को उनकी धर्मपत्नी द्वारा लिखी गई कविता ‘मैं भारत की बेटी’ पढक़र मातृशक्ति की महिमा के बारे में बताया।
 
महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों के लिए किए समझौते
महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने कई एमओयू साइन किए। मॉडल क्रेच के समझौते के साथ ही बचपन बचाओ अभियान के लिए कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ से समझौता किया गया।

उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाएं सम्मानित
भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। लिंगानुपात में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर सिरसा, भिवानी और सोनीपत जिलों को क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया गया। इन पुरस्कारों के लिए पांच लाख, तीन लाख और दो लाख का पुरस्कार दिया गया। ये पुरस्कार इन जिलों के उपायुक्तों को प्रदान किया गया।

राज्य स्तरीय पोषण पुरस्कार प्रथम, द्वितीय और तृतीय क्रमश: नूंह, महेंद्रगढ़ और पंचकूला को दिया गया। पुरस्कार स्वरूप 2 लाख, एक लाख और 50 हजार रुपये की राशि दी गई। इन जिलों के उपायुक्तों ने ये पुरस्कार प्राप्त किये। खेल, सामाजिक कार्य और कर्मचारी वर्ग में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए भी 38 महिलाओं को सम्मानित किया गया।

कुमारी सुमेधा धानी और डॉ. प्रियंका सोनी को इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार प्रदान किया गया। आशा  को कल्पना चावला शौर्य पुरस्कार और  भगवती देवी यादव को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया। इसके अलावा खेलों, सामाजिक क्षेत्र, महिला सशक्तिकरण और आंगनबाड़ी वर्करों को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।

धापो ताई कर रहीं बेटियों को बचाने के लिए प्रेरित
झज्जर जिले में धापो ताई लोगों को घर घर जाकर बेटियों को बचाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। जिले में अब धापो ताई की मुहिम के साथ 25 महिलाएं जुड़ चुकी हैं। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने धापो ताई के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बात भी की और नन्हे धापो ताई की मुहिम को पूरे प्रदेश में चलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात की दिशा में हरियाणा की स्थिति काफी खराब थी। हमारे प्रदेश को बेटियों को कोख में ही मारने के लिए पहचान जाता था। जो लिंगानुपात 2014 में 1000 के मुकाबले 871 था, वह अब बढक़र 922 हो गया है। यह सब समाज को जागरूक करने और सरकार की सख्ती के कारण सम्भव हो पाया है।

‘हरि हर योजना’ की शुरुआत
हरियाणा में अनाथ बच्चों (ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं है) को संरक्षण और आश्रय देने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘हरि हर योजना’ की शुरुआत की। एक अनाथ बच्चे की कहानी सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया है कि अनाथ बच्चों के अभिभावक/संरक्षक की भूमिका सरकार निभाएगी।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इस योजना का विवरण सांझा करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक राज्य के अनाथालयों में आश्रय दिया जाएगा और उसके बाद राज्य सरकार उसकी आगे की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। जिन अनाथ बच्चों ने स्कूली शिक्षा पूरी कर ली है, वे 25 वर्ष की आयु तक एक्स-ग्रेसिया के आधार पर ग्रुप सी और डी सरकारी नौकरी के लिए पात्र होंगे। यदि बच्चा स्नातक पूरा करता है तो उन्हें ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत ग्रुप ए और बी की सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा।

पैरालम्पिक और पैरा एथलेटिक्स के लिए भी खेल नीतियां समान रूप से लागू होंगी
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि खेलों के लिए बनाई गई नीतियां अब पैरालम्पिक और पैरा एथलेटिक्स के लिए समान रूप से लागू होंगी और इन केटेगरी के खिलाडिय़ों को वो सब सुविधाएं मिलेंगी जो सामान्य श्रेणी के खिलाडिय़ों को मिलती हैं। इस सम्बंध में पैरालम्पिक खिलाड़ी बहन दीपा मलिक ने ध्यान कराया तो सरकार ने पैरा खिलाडिय़ों को भी सभी सुविधाएं समान रूप से देने का निर्णय लिया है।
क्रमांक 2021