संवाददाता : रांची झारखंड
दिनांक 7 मार्च, 2021 को माही केयर फाउण्डेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम में video conferencing के माध्यम से राज्यपाल महोदया के सम्बोधन के मुख्य बिंदु:-
सर्प्रथम, सभी महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनायें देती हूँ तथा उनके सशक्तिकरण होने की कामना करती हूँ।
महिला दिवस के एक दिन पूर्व माही केयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह कार्यक्रम में आप सभी से video conferencing के माध्यम से जुड़कर अपार प्रसन्नता हो रही है।
मुझे अवगत कराया गया कि माही केयर फाउंडेशन महिलाओं के स्वास्थ्य एवं रोजगार की दिशा में प्रयासरत है। आपके द्वारा यह भी बताया गया कि विगत 15 माह में प्लास्टिक मुक्त भारत एवं मासिक धर्म जागरूकता अभियान के तहत 80,000 से अधिक महिलाओं को संस्था से जोडकर उन्हें रोजगार प्रदान कर रही है। यदि वास्तव में इस संस्था द्वारा ऐसे कार्य कर इतनी संख्या में महिलाओं को रोजगार प्रदान किया जा रहा है तो मैं इसे एक क्रान्तिकारी कदम कहूँगी जिसके लिए आप अनेकानेक बधाई के पात्र हैं।
इतिहास साक्षी है कि नारी के उत्थान के बिना एक विकसित समाज एवं उन्नत राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती है। नारी सृष्टि का आधार हैं। हमारे समाज में माँ, बहन, पत्नी, बेटी आदि नारी के कई रूप हैं।
दुनिया में ऐसा कोई भी देश नहीं है जहाँ महिलाओं को नजरअंदाज करते हुए आर्थिक विकास संभव हुआ है। महिलाओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़े बिना किसी समाज, राज्य एवं देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।
स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि ‘‘महिलाओं की स्थिति में सुधार लाये बिना समाज एवं देश का कल्याण असंभव है। महिलाओं को दरकिनार कर विकास की कल्पना करना ठीक उसी प्रकार है, जिस तरह एक पंख से उड़ान भरने की कोशिश करना है।
आज महिलाएँ सिर्फ सामाजिक-आर्थिक रूप से स्वावलंबी ही नहीं है, बल्कि वे नीति-निर्माता के रूप में सामने आ रही है। वे अनवरत संघर्ष के बल पर देश में महिलायें विभिन्न क्षेत्रों में सफलताएँ हासिल कर पुरुषों के कंधे-से-कंधे मिलाकर कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में साक्षरता बढ़ी है और वे स्वरोजगार के जरिये आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही है।
रसोईघर तक ही सीमित रहनेवाली महिलायें अब इससे उपर उठकर जोश, उत्साह के साथ सामाजिक दायित्वों की भूमिका निभाते हुए दिखाई दे रही है। अपने सपनों को साकार करने के लिए महिलाओं ने गरीबी और सामाजिक बँधनों को तोड़ते हुए हर क्षेत्र में अपनी पहचान कायम की है। ये सुधार जाहिर तौर पर चेतना का प्रतीक है लेकिन विकास के लम्बे सफर के बावजूद भारी तादाद में महिलाएँ अधिकारों के लिए अभी भी संघर्षरत हैं।
मुझे अवगत कराया गया कि माही केयर फाउण्डेशन अपने स्थापना काल 2018 से अब तक झारखण्ड के जंगल, पहाड़ गांव, मोहल्ला, टोला जाकर महिलाओं को जागरुक करने के साथ उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। ये एक सराहनीय प्रयास है। इसी क्रम में आज लगभग 85000 महिलाएं संस्था से जुड़कर रोजगार पा चुकी है।
मुझे अवगत कराया गया कि यह संस्था मुख्य रुप से मासिक धर्म जागरुकता अभियान के माध्यम से महिलाओं को जागरुक कर उन्हें सेनेटरी पैड वो भी प्लास्टिक मुक्त सेनेटरी पैड उपलब्ध कराती है।
W̲H̲O̲ का रिपोर्ट है कि देश में केवल 18% महिलाएं हीं सेनेटरी पैड का उपयोग करती हैं जिसके कारण वो बीमार पड़ती है और तरह तरह के रोगों का शिकार बनती है माही केयर ने ऐसे 8 लाख परिवारों के बीच जाकर उन्हें सेनेटरी की उपयोगिता के बारे में बताया बल्कि उन्हें सेनेटरी पैड उपलब्ध भी कराया। जिसके लिए शासन, प्रशासन द्वारा कयी बार सम्मान भी मिल चुका है।
अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर माही केयर फाउण्डेशन ने 2020 में पूरे झारखण्ड में चाहे वो कोरोना महामारी का समय हो या कोई भी प्राकृतिक आपदा हर वक्त लोगो के बीच जाकर सेवा देने वाली माहीयों को सम्मानित करने की पहल की गई है।
अवगत कराया गया है कि आज मेयर आशा लकड़ा, महुआ माजी, वंदना उपाध्याय, ममता कुमारी, अल्का रानी, मंजूला खलखो, उषा देवी, निशि देवी, गीता देवी, कुसुम देवी, पूनम महली, पिंकी देवी, रीता नायक, संजना कुमारी, आरती कुजूर, डा० निकिता सिन्हा, शर्मिला वर्मा समेत 60 वैसी महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है जिन्होने समाज में किसी न किसी रुप में बेहतर योगदान दिया है और महिला सशक्तिकरण हेतु प्रयास किया है। मैं आप सभी को बधाई एवं शुभकामनायें देती हूँ।
महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा की दिशा में संस्था द्वारा कार्य किया जाना सराहनीय पहल है। वे स्वस्थ, शिक्षित एवं जागरूक होंगी तभी सशक्त होगी। देश के तीव्र गति से विकास हेतु महिलाओं का उन्नयन अत्यन्त आवश्यक हैं।
महिलाएं सशक्त होगी तभी देश सशक्त होगा, झारखण्ड राज्य जहां प्राकृतिक संसाधनो की भरमार है पर यहां की महिलाएं घरेलू हिंसा, अंधविश्वास, बेरोजगारी की शिकार हैं, उन्हें इस स्थिति से निकालने का एक मात्र उपाय है इन्हें सशक्त बनाया जाए, महिलाएं स्वयं के बल पर खड़ी होगी तभी सशक्त होंगी। उनका सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन अत्यन्त आवश्यक है। माही केयर फाउंडेशन द्वारा इस दिशा में कार्य किया जाना समाजहित एवं देशहित में हैं।
मुझे अवगत कराया गया कि " स्वस्थ बिटिया स्वस्थ भारत" और इसी रास्ते पर वंदना उपाध्याय जी के निर्देशन में यह कारवां दिन-रात चल रही है और 2021 के अंत तक 3 लाख महिलाओं को रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस अवसर पर मैं माही केयर फाउंडेशन के सदस्यों से कहना चाहूंगी कि वे महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दें। बहुत-सी महिलायें सिलाई, कढाई, बांस के उत्पाद बनाने जैसे विभिन्न कार्य में निपुण हैं। यह संस्था महिलाओं के अंदर निहित प्रतिभा को प्रखर कर उनके उत्पाद की बिक्री हेतु बाजार की भी व्यवस्था करें। आप ऑनलाइन माध्यम से भी विक्रय की भी व्यवस्था करें।
हमारी महिलाओं को आजीविका मिशन से जोडकर भी रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं। उन्हें बागवानी, मशरूम उत्पादन, पशुपालन के लिए भी प्रेरित करें।
आप सभी को समाज को जागरूक करना होगा। समाज में व्याप्त विभिन्न समस्याएं एवं कुरीतियों के उन्मूलन में भी अहम भूमिका का निर्वाह करना होगा।
एक बार पुनः सभी महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनायें देती हूँ।
जय हिन्द! जय झारखण्ड! जय महिला शक्ति!