गुरुवार, 19 नवंबर 2020

‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की तर्ज पर हरियाणा को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विस्तृत कार्य-योजना...

 संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया है। हमें इस पैकेज का लाभ उठाने के लिए अपने सभी संसाधनों का सदुपयोग करना होगा।

मुख्यमंत्री ने यह बात बुधवार यहां हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद एवं स्वदेशी स्वावलम्बन न्यास द्वारा चलाए जा रहे ‘आत्मनिर्भर हरियाणा’ कार्यक्रम से जुड़ी एक बैठक में कही। इस दौरान ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की तर्ज पर हरियाणा को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में  विस्तृत कार्य-योजना पेश की गई।

मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का विजन देश के सामने रखा है। यह विजन स्लोगन मात्र न होकर एक बड़ा लक्ष्य है जिसका क्षेत्र भी व्यापक है। उन्होंने कहा कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी 22 जिलों में उनकी विशिष्टता के अनुरूप 22 कलस्टर बनाने की घोषणा की गई है। इसलिए इस कार्यक्रम से जुड़े पक्षों को कृषि तथा उद्योग से संबंधित योजना बनाते समय इन विभागों के साथ भी समन्वय स्थापित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर हरियाणा’ के तहत योजनाएं बनाते समय कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढऩे वाले युवाओं के साथ-साथ, पढ़ाई पूरी कर चुके ऐसे नौजवानों पर भी फोकस करना आवश्यक है जो अभी तक अपने पैरों पर खड़े नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू गई सक्षम युवा योजना काम की तलाश करने वाले युवाओं के लिए एक बेहतरीन योजना है। इसके तहत, युवाओं को हर महीने 100 घंटे काम के बदले 9 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लगभग 2 लाख युवाओं ने अपना पंजीकरण करवाया है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम से जुड़े पदाधिकारी योजनाओं को अमलीजामा पहनाते समय सक्षम युवाओं का डेटा भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

मनोहर लाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अपने यहां एक एलूमनी सैल भी बनाना चाहिए। इसमें दो वर्ग बनाए जाएं। एक वर्ग में ऐसे लोगों को शामिल किया जाए जो आत्मनिर्भर बन चुके हैं जबकि दूसरे में उन लोगों को शामिल किया जाए जो अभी तक अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पाए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र के नाम से एक बड़ा कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत हर नागरिक और हर परिवार का डेटा जुटाया जा रहा है जिसका इस्तेमाल लोगों की जरूरत के हिसाब से योजनाएं बनाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर हरियाणा’ कार्यक्रम के तहत भी इस डेटा का उपयोग किया जा सकता है।

बैठक के दौरान हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रोफेसर बृज किशोर, गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ, जे.सी.बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (वाईएमसीए), फरीदाबाद के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार, ओ.पी.जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार, बलराम और डॉक्टर राजेश ने पीपीटी के माध्यम से आत्मनिर्भर हरियाणा के लक्ष्य को हासिल करने की विस्तृत कार्ययोजना पेश की।

इस दौरान बताया गया कि आत्मनिर्भर हरियाणा कार्यक्रम के तहत बहु-आयामी योजनाओं के माध्यम से युवाओं में उद्यमशीलता की भावना पैदा करने पर बल दिया जाएगा ताकि बच्चे नौकरी हासिल करने की बजाय उद्यमी बनने की सोच के साथ शिक्षण संस्थाओं में दाखिला लें। इसके लिए जहां पाठ्यक्रमों में बदलते परिदृश्य के हिसाब से उद्योगों की जरूरतों के अनुसार बदलाव किया जाएगा वहीं कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग दिलाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी स्थापित करने की योजना है।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी.उमाशंकर तथा वित्त विभाग के अतिरिक्त सचिव टी.वी.एस.एन.प्रसाद भी उपस्थित थे।