संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड
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मुख्यमंत्री त्वरित समाधान कार्यक्रम(CM QRT) के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय धोबीघाट, दुगड्डा में आयोजित रात्रि चौपाल में वर्चुअली प्रतिभाग किया। चौपाल में आई 21 समस्याओं में से 17 का मौके पर ही निस्तारण किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनता की समस्याओं का यथा समय निस्तारण करें। उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और अन्य सभी अधिकारियों को दूरस्थ क्षेत्र के गांवों में रात्रि विश्राम कर चौपाल के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान करने के भी निर्देश दिए। और कहा कि ध्यान रहे, आम जन की किसी भी समस्या के समाधान में 01 माह से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। उन्होंने राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन करने के लिए अधिकारियों को 75 दिन का वर्क प्लान बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में पत्रकारों से वर्चुअली बातचीत करते हुए कहा कि दिव्य, सुंदर, स्वच्छ और सुरक्षित कुम्भ का आयोजन कराने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से संकल्पबद्ध है। भारत सरकार की गाइडलाईन का पूरा पालन किया जाएगा, साथ ही कोशिश की जा रही है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गैरजरूरी रोकटोक का सामना न करना पड़े। साधु संतों और श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अमृतउत्सव के आयोजन के लिए अधिकारियों को 75 दिन का वर्कप्लान बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने गुरूवार वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री रावत ने जिला अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान देने, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आगामी 100 दिनों के अंदर टेलीमेडिसिन की व्यवस्था करने, मेडिकल काॅलेज में जल्द भर्तियां करने, कोविड टीकाकरण में और ते लाने, चारधाम यात्रा के दृष्टिगत यात्रा मार्गों पर 108 एम्बुलेंस सेवा की पर्याप्त व्यवस्थाएं करवाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, प्रभारी सचिव डाॅ. पंकज पाण्डेय, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ.तृप्ति बहुगुणा, अपर सचिव मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणेन्द्र सिंह चैहान, स्वास्थ्य निदेशक डाॅ. एसके गुप्ता, एनएचएम निदेशक डाॅ. सरोज नैथानी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
हरिद्वार कुंभ में आए इन बाबाओं का संबंध जूना अखाड़े से है। इनकी सबसे बड़ी खूबी है कि इन्होंने पिछले 11 सालों से अपना एक हाथ ऊपर उठाकर रखा हुआ है। दरअसल, इन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक वो अपना एक हाथ ऐसे ही ऊपर उठाकर रखेंगे। आइए! कुंभ नगरी में आप भी पधारिये। यहां अजब-गजब बाबाओं को देखकर आप भी कहेंगे... बाबा-रे-बाबा…
हरिद्वार कुंभ में अब साधु-संतों और महात्माओं के पहुंचने का सिलसिला तेज हो गया है। मेला प्रशासन की ओर से साधु-संतों के ठहरने आदि के व्यापक पैमाने पर इंतजाम किये जा रहे हैं। गंगा किनारे बैरागी कैम्प क्षेत्र में साधु-महात्माओं की नगरी बसने लगी है। यहां पर भव्य रूप से साधु-संतों के पंडाल स्थापित किए जा रहे हैं। आगामी कुछ दिनों तक साधु-संत अब यहीं पर रहकर प्रवचन, कथाएं, यज्ञ आदि करेंगे।
हरिद्वार में गुरूवार ‘कुंभ मेला-2021’ का विधिवत शुभारंभ हुआ। मेलाधिकारी दीपक रावत एवं पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने हरकी पैड़ी पर कुम्भ के सफल आयोजन के लिये मां गंगा, नौ ग्रहों एवं अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की। उन्होंने मां गंगा से कुंभ मेला के शांतिपूर्ण रूप से सम्पन्न होने की कामना की। दोनों अधिकारियों ने मंशादेवी व चण्डीदेवी में भी पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर गंगा महासभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ जन्मेजय खण्डूड़ी सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।